स्‍पाइसजेट ने KAL एयरवेज का 100 करोड़ रुपये चुकाया, अब क्रेडिट सुईस ग्रुप के बकाये की बारी

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में स्पाइसजेट के चेयरमैन और MD अजय सिंह को 10 सितंबर तक इस बकाये के निपटान का आदेश दिया था.

Source: SpiceJet/Twitter handle

स्पाइसजेट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार, मंगलवार को KAL एयरवेज को 100 करोड़ रुपये के बकाये का पूरा भुगतान कर दिया है.

सोमवार को स्पाइसजेट ने कोर्ट को बताया था कि उसने कलानिधि मारन को 100 करोड़ के बकाये में से 62.5 करोड़ रुपये दे दिए हैं, इसके बाद कोर्ट ने एयरलाइन को रेगुलर बैंकिंग ऑवर्स के भीतर, अगले दिन के अंत तक बाकी राशि चुकाने की डेडलाइन तय की थी.

मारन फैमिली का प्रतिनिधित्व कर रहे मनिंदर सिंह ने स्पाइसजेट की ओर से पेमेंट में की गई देरी पर चिंता जताई और कहा कि एयरलाइन के पास 24 अगस्त से अपने दायित्व को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में स्पाइसजेट के चेयरमैन और MD अजय सिंह को 10 सितंबर तक इस बकाये के निपटान का आदेश दिया था.

2015 में हुई डील से विवाद की शुरुआत

स्‍पाइसजेट के CMD अजय सिंह और पूर्व प्रोमोटर कलानिधि मारन के बीच विवाद 2015 में हुई डील से शुरू हुआ. सन नेटवर्क और KAL एयरवेज से जुड़े मारन ने स्पाइसजेट में 58.46% हिस्सेदारी अजय सिंह को हस्तांतरित कर दी. इस सौदे में मारन और काल एयरवेज के लिए वारंट और तरजीही शेयर (Preference Shares) पाने के प्रावधान भी तय किए गए, लेकिन इन्हें कभी जारी नहीं किया गया.

2018 में, एक मध्यस्थ न्यायाधिकरण (Arbitral Tribunal) ने मारन को ब्याज सहित 579 करोड़ रुपये का री-इम्‍बर्शमेंट दिया. फैसलों के निष्पादन के दौरान ब्याज राशि को सुरक्षित करने के लिए, हाईकोर्ट ने एयरलाइन को लगभग 243 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया.

संकट टला नहीं!

दिल्‍ली हाईकोर्ट के निर्देश से अगल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को क्रेडिट सुइस ग्रुप के प्रति अपने ऋण दायित्‍वों को पूरा नहीं करने के लिए स्पाइसजेट पर असंतोष जताया है. अदालत ने एयरलाइन को स्विस निवेश बैंक को अपने मासिक भुगतान के हिस्से के रूप में 15 सितंबर तक 5 लाख डॉलर और बकाया राशि के लिए अतिरिक्त 1 मिलियन डॉलर जमा करने का निर्देश दिया. स्पाइसजेट का बकाया 4 मिलियन डॉलर बताया गया है, जबकि क्रेडिट सुईस का तर्क है कि यह 4.5 मिलियन डॉलर है.

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