भारत में ब्रॉडबैंड लाइसेंस लेने की राह पर कहां पहुंची एलन मस्क की स्टारलिंक ; संचार मंत्री सिंधिया ने दिया जवाब

सिंधिया ने कहा कंपनी को राष्ट्रीय कानूनों, सुरक्षा मानकों और ऑपरेशनल प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा,

एलन मस्क (Elon Musk) का सैटेलाइट इंटरनेट वेंचर स्टारलिंक (Starlink) भारत में एंट्री की प्रक्रिया में है. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुताबिक फिलहाल स्टारलिंक का ब्रॉडबैंड लाइसेंस कंप्लायंस स्टेज में है.

सिंधिया ने कहा, 'सभी दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स की तरह स्टारलिंक को भी लाइसेंस हासिल करने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करना होगा.' उन्होंने ये जवाब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैटेलाइट बेस्ड सर्विसेज और स्पेक्ट्रम आवटंन के मुद्दे पर सरकारी रुख के सवाल पर दिया.

सिंधिया ने कहा कि इसके तहत राष्ट्रीय कानूनों, सुरक्षा मानकों और ऑपरेशनल प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि टेलीकॉम मिनिस्ट्री सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन के संबंध में TRAI की सिफारिशों का इंतजार कर रहा है. इनके जल्द मिलने की उम्मीद है.

क्या करता है स्टारलिंक?

एलन मस्क के स्पेस एक्स के तहत ऑपरेट करने वाली स्टारलिंक हाई स्पीड इंटरनेट सर्विसेज उपलब्ध कराती है. कंपनी वेबसाइट के मुताबिक ये एक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है.

इसकी सबसे खास बात ये है कि कंपनी दूर-दराज के गांवों तक बिना केबल और मोबाइल टावर के हाई स्पीड इंटरनेट और कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध कराती है. ये एक ग्लोबल ब्रॉडबैंड नेटवर्क है, जो लोअर-अर्थ आर्बिट बेस्ड सैटेलाइट सिस्टम पर काम करता है.

अब तक भारत वन वेब, Jio-SES और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस जैसे अन्य सेटेलाइट ब्रॉडबैंड को लाइसेंस दे चुका है.