शेयर बाजार निवेशकों के लिए शुक्रवार को शुरुआती 15 मिनट भारी उतार- चढ़ाव भरे रहे. शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों दस प्रतिशत से अधिक टूट गए. इस उतार चढ़ाव के बाद अंत में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,325 अंक चढ़कर बंद हुआ. बाजार में गिरावट इतनी जोरदार थी कि सुबह 9:20 बजे के आसपास बीएसई और एनएसई दोनों का कारोबार 45 मिनट के लिए बंद करना पड़ा. 12 साल में यह पहला मौका है जबकि शेयर बाजारों में कारोबार बीच में रोकना पड़ा. कोरोना वायरस महामारी की वजह से शुक्रवार को दुनियाभर के बाजारों में अफरा-तफरी रही. इसी रुख के अनुरूप यहां भी शुरुआती कारोबार में बाजारों में भारी गिरावट आई. बीएसई सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 29,388.97 अंक पर आ गया. लेकिन बाद में निचले स्तर पर चली लिवाली के सिलसिले से इसमें 5,380 अंक का जोरदार सुधार दर्ज हुआ. अंत में सेंसेक्स 1,325.34 अंक या 4.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 34,103.48 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 365.05 अंक या 3.81 प्रतिशत की बढ़त के साथ 9,955.20 अंक पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 8,555.15 अंक के निचले स्तर तक आया था.
सेंसेक्स की ज्यादातर कंपनियों के शेयर लाभ के साथ बंद हुये. एसबीआई में सबसे अधिक लाभ रहा और इसका शेयर 13.87 प्रतिशत चढ़ गया. टाटा स्टील, एचडीएफसी, सनफार्मा, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर भी लाभ में रहे. वहीं दूसरी ओर नेस्ले इंडिया, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, हीरो मोटोकॉर्प और एचसीएल टेक के शेयरों में नुकसान रहा.
छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले इस सप्ताह में सेंसेक्स 3,473.14 अंक या 9.24 प्रतिशत टूटा है. वहीं निफ्टी साप्ताहिक आधार पर 1,034.25 अंक या 9.41 प्रतिशत नीचे रहा. इस सप्ताह 9 और 12 मार्च को दो सत्रों में बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई.
पिछले चार सत्रों में निवेशकों की 15 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डूबी है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पांच कारोबारी सत्रों में 2.3 अरब डॉलर के शेयर बेचे हैं. वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस दौरान 1.8 अरब डॉलर की लिवाली की. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप भी सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इससे पहले आखिरी बार 22 जनवरी, 2008 को निचले सर्किट पर पहुंचने की वजह से कारोबार रोका गया था. वहीं पांच अक्टूबर, 2012 को ‘तीखी प्रतिक्रिया' वाले कारोबार की वजह से एनएसई में कारोबार कुछ देर के लिए रोका गया था.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को कहा कि नियामक और शेयर बाजार किसी तरह के उतार-चढ़ाव से निपटने को कार्रवाई के लिए तैयार हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक कोरोना वायरस की वजह से फैले डर के माहौल को दूर करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे. इस बीच, गुरुवार को कारोबार बंद होने के बाद जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर दो प्रतिशत पर पहुंच गई.
वहीं फरवरी माह की खुदरा मुद्रास्फीति दो महीने के निचले स्तर पर आ गई. एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट 1.23 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 1.14 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 3.43 प्रतिशत और जापान का निक्की 6.08 प्रतिशत टूटे. शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार चार प्रतिशत की बढ़त में थे. अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में कारोबार के दौरान रुपया 47 पैसे की बढ़त के साथ 73.81 प्रति डॉलर पर था.
ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 5.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 35.05 डॉलर प्रति बैरल पर था. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 75 पर पहुंच गए हैं. इनमें 17 विदेशी भी शामिल हैं. दुनिया के 116 देशों में कोविड-19 के अब तक 1,30,000 मामले सामने आए हैं. अब तक यह वायरस 4,900 लोगों की जान ले चुका है.