90 दिनों के लिए अमेरिकी टैरिफ पर रोक से भारतीय एक्सपोर्टर्स को राहत; व्यापार समझौते की उम्मीद बढ़ी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने बुधवार को ज्यादातर देशों पर टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. भारत पर पहले से लगे 26% एक्स्ट्रा टैरिफ के साथ 10% का और टैरिफ जो 5 अप्रैल को लगाया गया था, अभी भी लागू रहेगा.

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अमेरिका ने अपने टैरिफ यानी इंपोर्ट टैक्स को 90 दिनों के लिए टालने का फैसला किया है, जिससे भारतीय निर्यातकों ने राहत की सांस ली है. इस फैसले को भारत और अमेरिका के बीच होने वाले व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement ) की बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए एक सुनहरा मौका माना जा रहा है. निर्यातकों का कहना है कि अगर इस दौरान कूटनीति और तेजी से बातचीत होती है, तो टैरिफ की चुनौती से आसानी से निपटा जा सकता है.

निर्यातकों के लिए अहम 90 दिन

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष SC रल्हान ने इसे ट्रंप प्रशासन का समझदारी भरा कदम बताया. उन्होंने कहा,

"हमें वाणिज्य मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि समझौता जल्द पूरा होगा. ये फैसला तुरंत आर्थिक नुकसान को रोकने के साथ-साथ समाधान के लिए राह भी खोलता है. ये 90 दिन का समय निर्यातकों के लिए बहुत अहम रहेगा."

अमेरिका ने चीन पर बढ़ाया टैरिफ

वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने बुधवार को ज्यादातर देशों पर टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. वहीं चीन से इंपोर्ट पर टैक्स को 125% तक बढ़ा दिया है. भारत पर पहले से लगे 26% एक्स्ट्रा टैरिफ के साथ 10% का और टैरिफ जो 5 अप्रैल को लगाया गया था, अभी भी लागू रहेगा.

चीन पर ज्यादा टैरिफ भारत के लिए मौका

मुंबई के बड़े निर्यातक SK सराफ ने भी इस कदम की तारीफ की.

उनका कहना है कि चीन पर लगे हाई टैरिफ का फायदा भारत को मिल सकता है. सस्ते दाम पर कच्चा माल मंगाकर देश में उत्पादन और निर्यात बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने टेक्सटाइल उद्योग का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन से यार्न मंगवाकर और कपड़े बनाकर अमेरिका को बेच सकते हैं. ये भारत और चीन के लिए साथ काम करने का अच्छा मौका है. सराफ को उम्मीद है कि 90 दिन बाद भी ये रोक बढ़ सकती है.

जल्दबाजी में नई उठाएंगे कोई कदम: पीयूष गोयल

9 अप्रैल को इंडस्ट्री और निर्यातकों के साथ बैठक में कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत सही दिशा में काम कर रहा है.

उन्होंने निर्यातकों से धैर्य रखने और सरकार पर भरोसा करने की अपील की है.

गोयल ने बताया कि भारतीय टीम तेजी से काम कर रही है, लेकिन जल्दबाजी में कोई गलत कदम नहीं उठाया जाएगा. भारत और अमेरिका का लक्ष्य इस समझौते से 2023 तक आपसी व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाना है. दोनों देश पहला चरण इस साल सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करना चाहते हैं. इस फैसले से न सिर्फ निर्यातकों को राहत मिली है, बल्कि भविष्य में व्यापारिक रिश्तों के लिए भी नई उम्मीद जगी है.

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