इंफोसिस (Infosys) के फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने हाल ही में सुझाव दिया कि देश की प्रोडक्टिविटी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत के युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए. बिजनेसमैन के इस कमेंट से इंटरनेट पर तहलका मचा दिया.और JSW के चेयरमैन सज्जन जिंदल सहित कुछ लोगों ने नारायण मूर्ति के इस विचार का समर्थन किया, जबकि अन्य ने इसे अनुचित और अत्यधिक लंबे समय तक काम करने वाले वर्क शेड्यूल कहते हुए इसके लॉन्ग टर्म हेल्थ इफेक्ट पर भी सवाल उठाया.
भारतीय महिलाएं दशकों से प्रति सप्ताह 70 घंटे से अधिक काम कर रही: राधिका गुप्ता
अब, एडलवाइस म्यूचुअल फंड (Edelweiss Mutual Fund) की सीईओ और एमडी राधिका गुप्ता ने इस मामले पर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाएं दशकों से प्रति सप्ताह 70 घंटे से अधिक काम कर रही हैं, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया है.
"किसी ने भी ट्विटर पर हमारे बारे में बहस नहीं की"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर राधिका गुप्ता ने कहा, "ऑफिस और घरों के बीच, कई भारतीय महिलाएं भारत (अपने काम के माध्यम से) और भारतीयों की अगली पीढ़ी (हमारे बच्चों) के निर्माण के लिए सत्तर घंटे से अधिक सप्ताह काम कर रही हैं. वर्षों से और दशकों से मुस्कुराहट के साथ और ओवरटाइम की मांग के बिना. मजेदार बात यह है कि किसी ने भी ट्विटर पर हमारे बारे में बहस नहीं की है.''
Edelweiss की सीईओ का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल
इस पोस्ट को शेयर किए जाने के बाद से 74,000 से अधिक बार देखा जा चुका है. उनके पोस्ट पर कई यूजर्स ने प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने कहा, "भारतीय महिलाओं का अथक समर्पण मान्यता का हकदार है."
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने ऐसे किया रिएक्ट
एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, "बिल्कुल सच. लेकिन कल्पना कीजिए कि आप महिलाओं के घर के अन्य सभी कामों के साथ सप्ताह में 70 घंटे काम करते हैं. महिलाओं को घर के काम से सप्ताह के अंत में छुट्टी नहीं मिलती है, इसलिए उनके लिए कोई डाउनटाइम या स्वयं की देखभाल नहीं होती है."
एक शख्स ने कहा "ऑफिस के बिना भी, भारत में महिलाएं परिवार का भरण-पोषण करने के लिए सप्ताह में 72 घंटे से अधिक काम कर रही हैं. हमारे घर में, दोपहर के भोजन की तैयारी अंतिम सदस्य के नाश्ता खत्म करने से पहले शुरू हो जाती थी. माँ सुबह उठने वाली पहली और बिस्तर पर जाने वाली आखिरी व्यक्ति थीं .''
एक अन्य ने कहा, "असल में मेरे पति ने भी हमारे बेटे के पालन-पोषण के लिए बहुत कुछ किया, मैं घर पर एक्सट्रा घंटे काम करने वाली अकेली नहीं थी. इसके अलावा मुंबई में कामकाजी जीवन लंबे समय तक चलता है. हम सभी को काम करने के लिए जाने और वापस आने के लिए लंबे समय तक ट्रैवल करनी पड़ती है."
नारायण मूर्ति ने वर्क-कल्चर के बारे में की थी टिप्पणी
नारायण मूर्ति ने 3one4 कैपिटल के पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के पहले एपिसोड में इंफोसिस के पूर्व सीईओ मोहनदास पई से बात करते हुए वर्क-कल्चर के बारे में टिप्पणी की. नारायण मूर्ति ने जापान और जर्मनी की तुलना उन देशों से की, जिन्होंने वर्किंग आवर को एक्सटेंड किया. उन्होंने राष्ट्र-निर्माण, टेक्नोलॉजी, अपनी कंपनी इंफोसिस सहित अन्य विषयों पर भी बात की.