WTO में स्टील इंपोर्ट पर रार! EU-ब्रिटेन के खिलाफ साथ आए भारत,चीन और जापान

वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाजेशन (WTO) की सेफगार्ड कमिटी की बैठक में EU और ब्रिटेन की आलोचना. भारत, चीन और जापान समेत कई देशों ने जताया विरोध

Source : wto.org

भारत, चीन, जापान और रूस समेत कुछ देशों ने स्टील उत्पादों पर EU (European Union) और ब्रिटेन द्वारा थोपे गए अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की आलोचना की है.इन देशों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाजेशन (WTO) की सेफगार्ड कमिटी की बैठक में ये टिप्पणी की है.

EU ने क्यों उठाया कदम?

जेनेवा में WTO के एक अधिकारी ने बताया, 'ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका ने स्टील इंपोर्ट पर एडीशनल ड्यूटीज लगाई थीं, जिसके बाद EU ने कुछ स्टील उत्पादों के इंपोर्ट पर सुरक्षा उपायों के तहत मूल्य वृद्धि की थी. भारत, रूस, कोरिया, चीन, जापान और ब्राजील जैसे देशों ने EU के इन सुरक्षा उपायों को जारी रखने के फैसले की आलोचना की है.'

'WTO नियमों का पालन नहीं करते EU के सुरक्षा उपाय'

अधिकारी ने बताया कि 'इन सदस्यों ने दलील में कहा कि EU ने रिव्यू के दौरान इस फैसले को वापस नहीं लिया. सदस्य देशों का कहना है कि ये सुरक्षा उपाय, WTO नियमों का पालन नहीं करते. इन देशों ने ब्रिटेन की भी इसी तरीके के सुरक्षा उपाय थोपने पर आलोचना की.'

हालांकि EU ने अपनी दलील में कहा कि ये उपाय जून, 2024 में खत्म हो जाएंगे.

भारत ने दिया था जवाबी कार्रवाई का प्रस्ताव

बता दें भारत ने पिछले साल ब्रिटेन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में व्हिसकी, चीज और डीजल इंजन इंपोर्ट पर 15% की अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव दिया था.

WTO से भारत ने पिछले साल सितंबर, 2022 में कहा था कि अनुमानित तौर पर ब्रिटेन के कदम से स्टील उत्पादों का निर्यात कम होकर 2,19,000 टन तक कम हो गया, जिस पर करीब 247.7 मिलियन डॉलर की ड्यूटी वसूली जाती.

2021 में भारत ने WTO में ऐसे ही कदम यूरोपियन यूनियन के खिलाफ उठाने का प्रस्ताव दिया था.

WTO जेनेवा स्थित 164 सदस्य देशों का समूह है, जो एक्सपोर्ट-इंपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय नियम बनाता है और अलग-अलग देशों के बीच विवादों को सुलझाता है.

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