Zomato Earning Analysis: फूड डि‍लीवरी, क्विक कॉमर्स या बॉन्‍ड ट्रेडिंग; जोमैटो ने कहां से की मोटी कमाई?

मार्च 2024 के अंत में जोमैटो ने अपने कैश सरप्‍लस में 918 करोड़ रुपये का उछाल देखा, जिससे इसका कैश बैलेंस 12,241 करोड़ रुपये जा पहुंचा.

Source: Zomato

फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी जोमैटो (Zomato) वित्त वर्ष 2024 के अंत में प्रॉफिटेबल रहा और इसने सरप्‍लस कैश जेनरेट किया. ये भी सुखद रहा कि कंपनी ने बीते वर्ष के लिए 351 करोड़ रुपये का पहला मुनाफा कमाया.

एक ओर कंपनी का फूड डिलीवरी बिजनेस प्रॉफिटेबल रहा तो दूसरी ओर इसका क्विक कॉमर्स, डाइन आउट और रेस्टोरेंट सर्विसिंग बिजनेस साल-दर-साल आधार पर घाटे में रहा.

कैश जेनरेशन और इस्‍तेमाल

मार्च 2024 के अंत में जोमैटो ने अपने कैश सरप्‍लस में 918 करोड़ रुपये का उछाल देखा, जिससे इसका कैश बैलेंस 12,241 करोड़ रुपये जा पहुंचा.

जोमैटो ने प्रमुख सहायक कंपनियों में इक्विटी डालना जारी रखा और वित्त वर्ष 24 में ब्लिंकिट में 750 करोड़ रुपये डाले, जिससे इसके खाते में अतिरिक्त 6,115 शेयर्स आए. कंपनी ने बीते वर्ष के दौरान अपने निवेश पर कोई घाटा नहीं उठाया.

इसने हाइपरप्योर (Hyperpure) के B2B बिजनेस में भी 700 करोड़ रुपये डाले, जो रेस्‍टॉरेंट्स को सप्‍लाई करता है. ये दोनों ही बिजनेस मौजूदा समय में घाटे में चल रहे हैं, लेकिन नेट रेवेन्‍यू में हाई ग्रोथ दर्ज की जा रही है.

जोमैटो के हाइपरप्योर बिजनेस ने 643 करोड़ रुपये का लॉस दर्ज किया था, जबकि ब्लिंकिट को इसकी सहायक कंपनी बनने के बाद से 1,399 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

कैश मैनेजमेंट

जोमैटो ने पिछले वित्त वर्ष में बैंक डिपॉजिट्स में अपने कैश बैलेंस को कम कर दिया. 3 महीने से अधिक की मैच्‍योरिटी वाले बैंक डिपॉजिट्स वित्त वर्ष 23 में 5,433 करोड़ रुपये की तुलना में 1,944 करोड़ रुपये रहे, जबकि बैंक डिपॉजिट्स की मैच्‍योरिटी से होने वाली आय 8,721 करोड़ रुपये से घटकर 5,938 करोड़ रुपये रह गई.

कंपनी ने म्यूचुअल फंड में अपने निवेश को बढ़ाया, जहां इसने पिछले वर्ष के 14,443 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 24 में 27,010 करोड़ रुपये का निवेश किया. और म्यूचुअल फंड यूनिट्स के रीडम्‍पशन से आय 12,649 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 29,509 करोड़ रुपये हो गई.

इसने सरकारी सिक्‍योरिटीज में भी निवेश बढ़ाकर 2,420 करोड़ रुपये कर दिया है, हालांकि बड़ा कदम डिबेंचर और बॉन्ड में निवेश करना था, जो पिछले वर्ष के 50 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,772 करोड़ रुपये हो गया.

ट्रेजरी आधारित प्रॉफिटैबिलिटी

जोमैटो की अन्य आय 847 करोड़ रुपये थी, जिसमें ट्रेजरी आय से लाभ भी शामिल है. कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2024 में कहा, 'वित्त वर्ष 24 में हायर ट्रेजरी इनकम, ओवरऑल यील्‍ड्स में बढ़ोतरी के कारण थी, क्योंकि इसने बैंक डिपॉजिट्स की तुलना में डिबेंचर और बॉन्ड में निवेश का बड़ा हिस्‍सा डाला था.'

इसने डिबेंचर या बॉन्ड से ब्याज से 320 करोड़ रुपये कमाए. बैंक डिपॉजिट्स से 182 करोड़ रुपये, जबकि सरकारी बॉन्‍ड्स से 110 करोड़ रुपये और म्यूचुअल फंड से 80 करोड़ रुपये कमाए.

एनुअल रिपोर्ट 2024 में बॉन्ड या डिबेंचर इंस्ट्रूमेंट्स की डिटेल्‍स नहीं थी. जबकि इस निवेश का फेयर वैल्‍यू इम्‍पैक्‍ट है. डिटेल्‍स एवलेबल न होना चिंता का विषय हो सकता है.

स्पष्ट रूप से, कंपनी ने कॉन्‍सोलिडेटेड आधार पर 351 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो पूरी तरह से ट्रेजरी ऑपरेशंस के कारण था, लेकिन कोर ऑपरेशंस को देखें तो कंपनी अभी भी इसमें घाटे में चल रही है.

पहली तिमाही की आय में सुधार और इसके क्विक कॉमर्स बिजनेस ब्लिंकिट का घाटा कम होने से 2 अगस्त को जोमैटो के शेयर 278.5 रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए.

हालांकि जोमैटो ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही की आय, अनुमानों और आम सहमति से अधिक बताई है. कोर ऑपरेशंस से प्रॉफिट कमाने में कंपनी को लंबा समय लग सकता है.

  • इस बीच, कंपनी रेस्‍टॉरेंट कमीशन रेट्स को बढ़ाने, विज्ञापन मॉनेटाइजेशन में सुधार करने और प्लेटफॉर्म फी से रेवेन्‍यू बढ़ाने पर जोर दे रही है.

  • जोमैटो को अब अपने नेट रेवेन्‍यू को ग्रॉस ऑर्डर वैल्‍यू के प्रतिशत के रूप में वित्त वर्ष 24 में 25% से ऊपर ले जाने और कंबाइंड B2C बिजनेस के लिए मिश्रित कंट्रीब्‍यूशन मार्जिन को 8% के करीब ले जाने पर फोकस करना होगा.

  • कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती लागत को नियंत्रित करना होगा, क्योंकि ये टियर-1 शहरों में क्विक कॉमर्स बिजनेस का विस्तार कर रही है और उम्मीद करती है कि यहांं कंपटीशन बहुत ज्‍यादा न हो.

  • क्विक कॉमर्स व्यवसाय की प्रॉफिटैबिलिटी और पॉजिटिव एडजस्‍टेड EBITDA से मार्केट उत्साहित है, जिसके चलते अब ब्लिंकिट का वैल्‍युएशन, फूड डिलीवरी बिजनेस से अधिक हो रहा है.

  • वैसे वैश्विक स्तर पर इस बात पर आम सहमति बन रही है कि फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और अगले कुछ वर्षों में भारत में भी ऐसा ही देखने को मिल सकता है.

  • तब तक, क्विक कॉमर्स बिजनेस की महत्वपूर्ण ग्रोथ जोमैटो की वैल्‍युएशन को आगे बढ़ा सकती है. महत्वपूर्ण बात तब होगी, जब ब्लिंकिट अपने कंट्रीब्‍यूशन मार्जिन को फूड डिलीवरी बिजनेस के मौजूदा मार्जिन के समान 7% के करीब ले जाएगा.

  • ब्लिंकिट तेजी से मार्केट शेयर हासिल करने में सक्षम रहा है और एकमात्र कंपटीटर जेप्‍टो (Zepto) इसके करीब होगा, जिसके पास कंपनी के साथ कंपटीशन करने की पावर है.

स्विगी अपनी IPO फाइलिंग के लिए अप्रूवल लेने की प्रक्रिया में है और वर्ष के अंत तक ये मार्केट में पदार्पण कर सकता है.

स्विगी के फाइनेंशियल स्‍टेटमेंट से पता चलता है कि ये भी जोमैटो की तरह ही रास्‍ते पर चल रही है, हालांकि जोमैटो के मौजूदा मेट्रिक्स की बराबरी करने के लिए कम से कम 3 से 5 तिमाही दूर है.

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