NPS : इस रिटायरमेंट स्कीम में अब महज 1000 रु. सालाना डालिए, बुढ़ापा चैन से काटिए, जानें जरूरी बातें

नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के बारे में आप पिछले दिनों काफी कुछ सुनते आ रहे होंगे. अब इससे जुड़ी एक खुशखबरी है. खुशखबरी भी जानिए और NPS क्या है, इसके लाभ आदि के बारे में भी जानिए...

National Pension Scheme : एनपीएस में निवेश ताकि बुढ़ापा अधिक न दुखे... (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के बारे में आप काफी कुछ सुन चुके होंगे. अब इससे जुड़ी एक खुशखबरी है. अब तक इस स्कीम में भागीदारी के लिए आपको न्यूनतम सालाना निवेश छह हजार रुपए करना जरूरी होता था लेकिन नए नियम के तहत न्यूनतम सालाना निवेश की सीमा एक हजार रुपए कर दी गई है. एनपीएस के प्रथम श्रेणी के खातों को परिचालन में बनाए रखने के लिए अब तक हर वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में कम से कम 6,000 रुपए का योगदान अनिवार्य था. (प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी क्या हैं, यह जानने के लिए नीचे स्क्रोल करें)

ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने के लिए पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने यह कदम उठाया है.

जिनके खाते बंद कर दिए गए हैं, उनके लिए खुशखबरी....
पीएफआरडीए ने एकबार के लिए लागू निर्णय के अंतर्गत ऐसे सभी मौजूदा पेंशन खातों को खोलने का भी फैसला किया है जिनमें अंशदाता न्यूनतम योगदान और अनिवार्य न्यूनतम सरप्लस बनाए रखने में नाकाम रहे हैं. इस निर्णय के बाद सभी अंशदाता जिनके खाते बंद कर दिए गए हैं वे अब अपने एनपीएस खातों में योगदान कर सकते हैं. पीएफआरडीए ने एक स्टेटमेंट में बताया कि एनपीएस दूसरी श्रेणी के बचत खाते में ज्यादा मुनाफा हासिल करने की क्षमता है.

एनपीएस के तहत दो श्रेणियों में खाते तय किए गए हैं :
प्रथम स्तर - पेंशन खाता: यह स्थानीय सेवानिवृत्ति खाता है जिससे पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता है. आप इस गैर निकासी खाते में सेवानिवृत्ति के लिए अपनी बचत का योगदान कर सकते हैं. योगदान की आंशिक वापसी पर विचार जारी है लेकिन अभी तक इसकी अनुमति नहीं है. अंशदाता के विकल्प के आधार पर निवेश किया जाता है.

द्वितीय स्तर- बचत खाता: यह एक स्वैच्छिक बचत सुविधा है जिसमें स्वैच्छिक निकासी की सुविधा है. खाते को सक्रिय करने अथवा रखरखाव के लिए कोई अतिरिक्त सीआरए (केंद्रीय अभिलेखपाल एजेंसी) शुल्क नहीं है. इस पेंशन योजना में बचत खाते में वर्ष के अंत में न्यूनतम 2,000 रुपए के सरप्लस के साथ साथ 250 रुपए का वार्षिक अंशदान (कंट्रीब्यूशन) अनिवार्य था. अब इसमें 2,000 रुपये के न्यूनतम सरप्लस और 250 रुपए के न्यूनतम अंशदान की अनिवार्यता को खत्म करने का फैसला किया गया है.

नेशनल पेंशन स्कीम के बारे में कुछ जरूरी बातें...
- एनपीएस सभी नागरिकों के लिए है, ताकि रिटायरमेंट के बाद लोग अपना जीवनस्तर बनाए रख सकें और उन्हें पैसों की तंगी न हो. इसमें एनआरआई भी कवर हैं. कोई भी आम व्‍यक्ति जैसे गृहिणी, स्‍वरोजगार से जुड़े लोग, कारोबारी एनपीएस में खाता खोल सकता है.
-एनपीएस में मार्केट लिंक्‍ड स्‍कीम है, ऐसे में इसका रिटर्न शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है. इसका रिटर्न फंड मैनेजरों के प्रदर्शन पर निर्भर रहता है. इक्विटी में निवेश के कारण एनपीएस पर रिटर्न निश्चित नहीं होता.
- बजाज कैपिटल के बिजनेस हेड उत्तम अग्रवाल के मुताबिक, हमारे देश में रिटायरमेंट के बाद बहुत कम सोशल सिक्यॉरिटी देखी गई है. ऐसे में यह स्कीम आपको सोशल सिक्यॉरिटी कवर देती है.
-उत्तम अग्रवाल के मुताबिक, 80CCD1 के तहत इसमें निवेश से टैक्स बेनिफिट भी मिलेगा. टैक्स बेनिफिट 50 हजार रुपए तक की रकम के निवेश पर मिलेगा. एनपीएस में लगाई गई रकम को 80C के तहत भी दिखा सकते हैं और यदि आपने वह निवेश ऑलरेडी कर लिया है तो एनपीएस में किया गया निवेश आपको 50 हजार रुपए तक की अतिरिक्त छूट दिला सकता है.
- मृत्यु के बाद नॉमिनी यानी फैमिली को यह पैसा मिल सकता है. इसमें निवेश चाहे साल में एक बार या फिर हर महीने या अपनी सुविधानुसार निवेश कर सकते हैं.
- ऐसे में इसके किसी भी पेंशन फंड के मुकाबले यह सबसे कम खर्च वाली स्कीम है. यानी, इसे मैनेज करने के लिए खर्च बहुत कम होगा. इसमें लगाया हुआ आपका पूरा पैसा आपको वापस मिलता है. यह आपको पेंशन के रूप में हर माह वापस मिलता रहेगा. इसमें से कुछ आप जरूरत और नियमानुसार वापस भी ले सकते हैं.
- एनपीएस के तहत, आपके पैसे का निवेश कहां हो, यह खुद आपकी पसंद पर निर्भर करेगा. एनपीएस आपको चुनने के लिए एक कोष प्रबंधकों (फंड मैनेजर) की संख्या और तीन निवेश विकल्प प्रदान करता है. अगर आप कोई विकल्प नहीं चुनते तो आपका पैसा स्वपसंद विकल्प में, आपकी उम्र के हिसाब से विभिन्न योजनाओं में निवेशित हो जाएगा, यह एक प्रकार से डिफॉल्ट ऑप्शन होगा.
- एनपीएस के बारे में एक अच्छी बात यह भी कि अगर आप अपना निवास बदलते हैं तो भी आपको नया खाता खोलने की आवश्यकता नहीं होगी. आपको एक यूनिक स्थाई सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) आवंटित किया जाएगा. आप भारत में किसी भी स्थान से इस खाते को संचालित कर सकेंगे.
- एनपीएस के अंशदाताओं की संख्या 1.30 करोड़ रुपए से अधिक है जिसकी कुल प्रबंधनाधीन संपत्ति 1.37 लाख करोड़ रुपए से अधिक है.

(एजेंसी इनपुट भी)
 

लेखक NDTV Profit Desk
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