देश की दो प्रमुख शेयर बाजार इकाइयों ने नोटबंदी के फैसले पर जताई कड़ी चिंता, कहा - दीर्घकालीन प्रभाव 'स्पष्ट नहीं'

देश की दो प्रमुख शेयर बाजार इकाइयों - नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड ने सरकार के नोटबंदी के फैसले पर कड़ी चिंता जताते हुए कहा कि इस फैसले के अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन प्रभाव के बारे में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है.

फाइल फोटो

देश की दो प्रमुख शेयर बाजार इकाइयों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) ने सरकार के नोटबंदी के फैसले पर कड़ी चिंता जताते हुए कहा कि इस फैसले के अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन प्रभाव के बारे में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है.

एनएसई ने बुधवार को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दाखिल किए प्राथमिक दस्तावेजों में सरकार के नोटबंदी के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका दीर्घकालीन प्रभाव अनिश्चित है. हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि इससे देश के शेयर बाजारों में आकर्षक वृद्धि भी हो सकती है.

सीडीएसएल ने अपने प्रस्तावित आईपीओ के लिए जमा कराए गए दस्तावेजों में सरकार के नोटबंदी के फैसले को एक जोखिम कारक बताया है. इस आईपीओ के माध्यम से सीडीएसएल अपने साढ़े तीन करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी.

सीडीएसएल के अनुसार सरकार के इस कदम का तात्कालिक प्रभाव है कि नकदी तरलता कम हो गई है, जिससे प्रतिभूतियों के व्यापार और खरीद में लघु अवधि की कमी आई है. लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था और भारतीय पूंजी बाजार में निवेश पर इसके दीर्घकालीन कारणों के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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