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अपनी गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल आप कैसे करते हैं। क्या सारा पैसा ज़रूरत और विलासिता पर ही खर्च कर देते हैं या कुछ पैसा भविष्य के लिए भी बचाते हैं। अगर बचाते हैं तो कैसे? यानी आप अपने मनी बॉक्स का मैनेजमेंट कैसे करते हैं। जानी-मानी फाइनेंशियल प्लैनर मोनिका हालान ने हमारे कार्यक्रम 'पैसा वसूल' में दिए इससे जुड़े ख़ास टिप्स।
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----- देखें वीडियो -----
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मनी बॉक्स मैनेजमेंट
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- सबसे पहले अपना कैश फ़्लो मैनेज करें
- यह देखें कि आपके पास हर महीने कितना पैसा आता है और कहां-कहां जाता है
- पूरा जायज़ा लेने के बाद ही निवेश का फैसला लें
ऐसे मैनेज करें कैश फ्लो
- अपने तीन बैंक एकाउंट खोलें
- इन्कम एकाउंट, यानि आमदनी खाता
- स्पेंड इट एकाउंट, यानि खर्चा खाता
- इन्वेस्टमेंट एकाउंट, यानि निवेश खाता
इन्कम एकाउंट
- तनख़्वाह, रिइम्बर्समेंट, बोनस जैसी आमदनी इसमें जाएंगी
- सैलरी एकाउंट, यानि ज़ीरो बैलेंस एकाउंट में पैसा न छोड़ें
स्पेंड इट एकाउंट
- वेतन आने के दो-तीन दिन बाद घर खर्च का पैसा इस एकाउंट में ट्रांसफर कर दें
- महीने के कुल खर्च से करीब 10% ज़्यादा ही इस एकाउंट में डालें
इन्वेस्टमेंट एकाउंट
- मासिक खर्च से बाकी बचा पैसा इस एकाउंट में डाल दें
- खाता शुरू होने के छह महीने बाद निवेश में इसका इस्तेमाल शुरू करें
- तब तक आप अपने खर्च का पैटर्न समझ चुके होंगे
इमरजेंसी फंड बनाएं
- किसी भी खाते में एक इमरजेंसी फंड रखें
- नौकरी जाने या किसी अन्य मुसीबत में काम आएगा
- इसमें आपके मासिक खर्च का छह गुना पैसा हो
- यह पैसा आप एफडी के तौर पर भी रख सकते हैं, जिसे ज़रूरत पड़ने पर तोड़ा जा सके
- यह पैसा शॉर्ट टर्म डेट फंड में भी डाल सकते हैं
लाइफ इंश्योरेंस ज़रूर करवाएं
- घर में कमाने वाले प्रमुख व्यक्ति की मौत जैसी आकस्मिक घटना में काम आता है
- इससे बाकी परिवार को ज़िंदगी चलाने के लिए खर्च मिल जाता है
- मनी बैक पॉलिसी या किसी अन्य ऐसी पॉलिसी की जगह टर्म पॉलिसी खरीदें
- 30 साल का व्यक्ति करीब आठ हज़ार के सालाना प्रीमियम पर एक करोड़ की टर्म पॉलिसी ले सकता है
- ध्यान रहे, यह पैसा आपके जीते-जी आपको या आपके परिवार को नहीं मिलता
- टर्म पॉलिसी को उतने समय तक रखें, जब तक आपको रिटायरमेंट के लिए जमा पैसा न मिल जाए
मेडिकल इंश्योरेंस ज़रूर करवाएं
- कंपनी के अलावा आपका अपना निजी मेडिकल इंश्योरेंस होना चाहिए
- नौकरी जाने की स्थिति में बीमारी के इलाज में यह आपके काम आएगा
- बड़े शहरों में कम से कम तीन लाख का मेडिकल इंश्योरेंस तो होना ही चाहिए
- सात से दस लाख रुपये की फैमिली फ्लोटर मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी बेहतर
इन्वेस्टमेंट एकाउंट का इस्तेमाल कैसे करें...?
- आम निवेशक सीधे शेयर बाज़ार में पैसा न डालें
- यह सुनिश्चित करें कि कर्मचारी भविष्य निधि, यानि ईपीएफ में आपकी बेसिक सैलरी का 12% जमा हो रहा हो... 12% कंपनी भी जमा करती है
- बैंक में पीपीएफ खाता ज़रूर खुलवाएं... इसकी सालाना डेढ़ लाख रुपये की लिमिट है... निकालने पर टैक्स फ्री है... पंद्रह साल का यह एकाउंट सेफ एकाउंट कहलाता है...
- सीधे शेयर खरीदना या आईपीओ खरीदना जोखिम का काम है... शेयर बाज़ार की पूरी जानकारी नहीं तो इससे बचें
- शेयर का फायदा, यानि इक्विटी एक्सपोज़र का फायदा लेने के लिए म्यूचुअल फंड चुनें
- म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म, मिड टर्म या शॉर्ट टर्म प्रोडक्ट होते हैं
- बच्चों की शिक्षा जैसी ज़रूरतों के लिए शॉर्ट या मिड टर्म फंड चुनें
- बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड चुनें, जिसमें इक्विटी 20 से 25% होती है... इससे रिस्क कम हो जाता है
- ध्यान रखें, जो पैसा जल्दी चाहिए, उसके निवेश में इक्विटी का प्रतिशत कम से कम हो
- दस साल के निवेश के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में जाएं
- डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड लें, जिसमें कई क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के शेयर होते हैं
- जानी-मानी वेबसाइट में जाकर आप ऐसे फंड्स को चुनने की सलाह ले सकते हैं