कागज उद्योग ने घरेलू कारोबारियों के संरक्षण के लिए सरकार से कागज के सस्ते आयात पर नजर रखने में सहयोग मांगा है. इसमें भी विशेषतौर पर आसियान देशों से होने वाले आयात पर नजर रखने के लिए कहा गया है. ‘पेपरेक्स’ कार्यक्रम से इतर सेंचुरी पल्प एंड पेपर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे. पी. नारायण ने कहा, ‘‘ कागज उद्योग के सामने बड़ी चुनौतियों में से एक है सस्ता आयात.
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कागज उद्योग ने अपने संगठन भारतीय कागज विनिर्माता संघ (आईपीएमए) के माध्यम से सरकार से कागज आयात में कटौती करने या इस पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने के लिए कहा है.’’ नारायण ने कहा कि सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों को अपनी कीमतें घटानी पड़ती हैं और इसका असर उनके मार्जिन और लाभ पर पड़ता है.
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ट्राइडेंट के तकनीकी सलाहकार आरसी जोहारी ने कहा कि आयातित कागज चार से पांच रुपये प्रति किलोग्राम सस्ता है और घरेलू कागज विनिर्माताओं के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है. कल केंद्रीय मंत्री सी. आर. चौधरी ने कागज विनिर्माताओं से कहा था कि वैश्विक बाजारों से प्रतिस्पर्धा के लिए वह अपना तकनीक उन्नत करें.
इनपुट : भाषा