पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर इजाफा, डीजल पांच साल के उच्च स्तर पर

देश में मंगलवार को एक बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए.  कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने से पहले ही ये दाम बढ़ाए गए. दिल्ली में पेट्रोल 75 रुपए के पास पहुंच गया है. सोमवार के बाद मंगलवार को भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल पर 15 पैसे की बढ़ोतरी की है. इससे पेट्रोल 5 साल के उच्चतम स्तर 74.95 पैसे पर पहुंच गया है. वहीं, दिल्ली में डीजल का भाव 66.36 पर पहुंच गया है. डीजल का यह अब तक का रिकॉर्ड स्तर है.

प्रतीकात्मक फोटो

देश में मंगलवार को एक बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए.  कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने से पहले ही ये दाम बढ़ाए गए. दिल्ली में पेट्रोल 75 रुपए के पास पहुंच गया है. सोमवार के बाद मंगलवार को भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल पर 15 पैसे की बढ़ोतरी की है. इससे पेट्रोल 5 साल के उच्चतम स्तर 74.95 पैसे पर पहुंच गया है. वहीं, दिल्ली में डीजल का भाव 66.36 पर पहुंच गया है. डीजल का यह अब तक का रिकॉर्ड स्तर है.

बता दें कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) द्वारा सोमवार को परिवहन ईंधन के लिए परिवर्तनीय मूल्य निर्धारण प्रणाली की बहाली के साथ राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमतें 74.80 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं थीं. आईओसी ने 19 दिनों के लिए परिवर्तनीय मूल्य निर्धारण प्रणाली पर रोक लगा दी थी, ताकि ग्राहकों के बीच अनावश्यक तनाव न फैले.

दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत सितंबर 2013 के बाद से अबतक के सबसे उच्च स्तर 74.80 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई थीं. 2013 में पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये प्रति लीटर थी. कीमतों में अंतिम वृद्धि 24 अप्रैल को हुई थी, उस दौरान पेट्रोल 74.63 रुपये प्रति लीटर थी.

कोलकाता, मुंबई और चेन्नई जैसे अन्य मेट्रो शहरों में सोमवार को पेट्रोल की कीमतें कई सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गईं. इन शहरों में क्रमश 77.50 रुपये, 82.65 रुपये और 77.61 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई हैं.

पेट्रोल की कीमतों से इतर, डीजल के दामों में भी 24 अप्रैल के बाद वृद्धि दर्ज की गई. दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमतें क्रमश 66.14 रुपये, 68.68 रुपये, 70.43 रुपये और 69.79 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई थीं.

अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद कीमतों में पिछले 19 दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ था, जिसे समीक्षकों ने कर्नाटक चुनाव से पहले एक राजनीतिक कदम करार दिया है. आईओसी के अध्यक्ष ने आठ मई को हालांकि कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय दरों में वृद्धि के बावजूद परिवर्तनीय मूल्यों पर अस्थाई तौर से रोक लगा दी गई थी, ताकि ग्राहकों के बीच डर न रहे. उपभोक्ताओं के लिए यह अस्थाई राहत सोमवार को मूल्य वृद्धि के साथ समाप्त हो गई.

लेखक NDTVKhabar News Desk
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