पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईंधन सब्सिडी के लिए 22,101 करोड़ रुपये मांगे

पेट्रोलियम मंत्री ने चालू वित्त-वर्ष की दूसरी छमाही के लिए ईंधन सब्सिडी की भरपाई के लिए 22,101 करोड़ रुपये मांगे हैं। मंत्रालय की ओर से इस मांग को देखते हुए ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी तेल उत्पादन क्षेत्र की कंपनियों को सब्सिडी भरपाई में योगदान से मुक्त रखा गया है।

धर्मेंद्र प्रधान की फाइल तस्वीर

पेट्रोलियम मंत्री ने चालू वित्त-वर्ष की दूसरी छमाही के लिए ईंधन सब्सिडी की भरपाई के लिए 22,101 करोड़ रुपये मांगे हैं। मंत्रालय की ओर से इस मांग को देखते हुए ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी तेल उत्पादन क्षेत्र की कंपनियों को सब्सिडी भरपाई में योगदान से मुक्त रखा गया है।

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आने के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और ओआईएल को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में सब्सिडी भुगतान से अलग रखा जाये।

सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को अक्तूबर-दिसंबर के दौरान एलपीजी और केरोसिन बिक्री पर होने वाले राजस्व नकुसान के संबंध में 22,101 करोड़ रुपये की मांग करते हुए पत्र लिखा है।

यह राशि पहली छमाही में वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई 17,000 करोड़ रुपये के अलावा है। मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के तौर पर सरकार को 75,944 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसमें से 39,101 करोड़ रुपये की सब्सिडी (17,000 करोड़ रुपये पहली छमाही में और 22,101 करोड़ रुपये दूसरी छमाही में) के भुगतान के बाद भी सरकार के पास 36,843 करोड़ रुपये रह बचेंगे।

चालू वित्त वर्ष में मंत्रालय ने तय दाम पर डीजल, एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 74,773 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान जताया है। इसमें से 51,109.53 करोड़ रुपये का नुकसान पहली छमाही में हो चुका है।

लेखक NDTV Profit Desk
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