अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड को राहत मिली है. पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (पीसीएचएफएल) ने दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016 की धारा 7 के तहत रिलायंस पावर लिमिटेड के खिलाफ किए गए आवेदन को वापस ले लिया है. कंपनी ने बीएसई फाइलिंग में यह जानकारी दी है. यह रिलायंस पावर और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड (आरएनआरएल) द्वारा 526 करोड़ रुपये के ऋण चूक पर दोनों कंपनियों के बीच एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता है.
साल 2010 में, आरएनआरएल का रिलायंस पावर में विलय हो गया. आरएनआरएल ने पूर्ववर्ती दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) से प्राप्त 526 करोड़ रुपये के ऋण पर चूक की थी. पिरामल समूह ने 2021 में डीएचएफएल का अधिग्रहण किया था और इसे पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय कर दिया था.
इस साल मार्च में,पीरामल कैपिटल ने बकाया वसूलने के लिए एनसीएलटी मुंबई में आईबीसी, 2016 की धारा 7 के तहत रिलायंस पावर के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू की. पीरामल कैपिटल के आवेदन पर जुलाई में सुनवाई के दौरान दोनों कंपनियों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को सूचित किया था कि वे आपसी सहमति से मामले को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं.
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