अपनी कंपनियों के अधिक शेयर खरीद सकेंगे पीएसयू कर्मी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों को अब अपनी फर्म के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) में जितना चाहें उतना निवेश करने का विकल्प मिल सकेगा. साथ ही आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में उनके निवेश की अधिकतम सीमा भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक हो जाएगी.

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों को अब अपनी फर्म के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) में जितना चाहें उतना निवेश करने का विकल्प मिल सकेगा. साथ ही आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में उनके निवेश की अधिकतम सीमा भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक हो जाएगी.

सरकार ने इस बारे में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मांगी है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘हमने सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए निवेश की सीमा में ढील का आग्रह किया है. हमें सेबी से इस बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है.’

सूत्रों ने कहा कि यदि सेबी वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे देता है, तो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए बिक्री पेशकश (ओएफएस) मार्ग में निवेश की कोई सीमा नहीं रहेगी. हालांकि, आईपीओ के मामले में निवेश की सीमा मौजूदा के दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव है. यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है कि क्योंकि छूट के बावजूद कर्मचारियों की भागीदारी सीमित रही है.

सबसे बेहतर स्थिति एनटीपीसी की जुलाई में 2.06 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश थी, जिसमें कर्मचारियों के लिए आरक्षित शेयरों में 85 प्रतिशत अभिदान मिला था. इससे पहले कर्मचारियों की सबसे अच्छी भागीदारी मई में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की पेशकश में दिखाई दी थी. इसमें 40 प्रतिशत कर्मचारियों ने हिस्सा लिया और उनके लिए आरक्षित शेयरों में 53.17 प्रतिशत के लिए बोली लगाई. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 56,500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया है. इसमें से 36,000 करोड़ रुपये पीएसयू में अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और 20,500 करोड़ रुपये रणनीतिक बिक्री से जुटाए जाएंगे.

सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए विनिवेश कार्यक्रम की शुरुआत एनएचपीसी में 11.36 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के जरिये की है. सरकार ने इस प्रक्रिया से 2,700 करोड़ रुपये जुटाए. चालू वित्त वर्ष में सरकार की 15 सार्वजनिक उपक्रमों, मसलन कोल इंडिया, एनएमडीसी, मायल, एमएमटीसी और भारत इलेक्ट्रानिक्स में हिस्सेदारी बिक्री की योजना है.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह घाटे वाली भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री की अनुमति दे दी है. इससे पहले 12 साल पूर्व जेसप एंड कंपनी की बिक्री इस मार्ग से की गई थी. वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार ने विनिवेश के जरिये 25,312 करोड़ रुपये जुटाए थे. यह 69,500 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य का आधे से भी कम है. वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री से 24,500 करोड़ रुपये जुटाए थे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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