राजा ने लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए सहमति नहीं दी : जांच अधिकारी

पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है। यह जानकारी टू-जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच दल के सदस्य रहे सीबीआई अधिकारी ने बुधवार को दिल्ली की विशेष अदालत को दी।

पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है। यह जानकारी टू-जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच दल के सदस्य रहे सीबीआई अधिकारी ने बुधवार को दिल्ली की विशेष अदालत को दी।

सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक राजेश चहल ने अदालत को यह बात तब बताई जब अभियोजक ने उन्हें 9 फरवरी 2011 का एक ज्ञापन दिखाया जो अभियोजन के गवाह के तौर पर रिकॉर्ड किया गया था।

चहल ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा, ‘‘मुझे 9 फरवरी 2011 का ज्ञापन दिखाया गया था जिसे मैंने ही तैयार किया था। इसमें एक जगह मेरा दस्तखत है, आरोपी ए राजा का लाई डिटेक्टर जांच करने की सहमति लेने के लिए ज्ञापन मैंने ही तैयार किया था जिससे उन्होंने इनकार कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस ज्ञापन में दूसरी जगह ए राजा का दस्तखत है जिन्होंने मेरे समक्ष हस्ताक्षर किए थे।’’ इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे राजा को सीबीआई ने 2 फरवरी 2011 को गिरफ्तार किया था और वह 17 फरवरी 2011 तक सीबीआई की हिरासत में रहे। राजा को पिछले वर्ष 15 मई को अदालत ने जमानत दे दी थी।

मामले में प्रथम जांच अधिकारी रहे चहल ने अदालत से कहा कि उन्हें निर्देश दिया गया था कि अक्तूबर 2010 के बाद वह मामले के मुख्य जांचकर्ता विवेक प्रियदर्शी का सहयोग करें।

चहल ने कहा, ‘‘विवेक प्रियदर्शी के समय-समय पर दिए गए निर्देशों के मुताबिक मैंने गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए और जब्ती ज्ञापन के माध्यम से दस्तावेज इकट्ठा किए और कई बार कवरिंग पत्र के माध्यम से दस्तावेज इकट्ठे किए गए।’’ चहल का बयान कल भी दर्ज होगा।

चहल ने अदालत को बताया कि मामले में जांच के दौरान उन्होंने इस मामले में आरोपी स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर शाहिद उस्मान बलवा से कुछ दस्तावेज जब्त किए थे।

28 मार्च 2011 का एक पत्र दिखाए जाने पर चहल ने कहा कि इसे दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने लिखा था और इसके माध्यम से उन्हें 2008 में हस्ताक्षरित सभी नए यूनीफाईड एक्सेस सर्विस लाइसेंस की प्रमाणित वास्तविक प्रतियां प्राप्त हुई थीं और कंपनियों के मूल आवेदन प्राप्त हुए थे जिन्हें उस वर्ष लाइसेंस दिए गए थे।

बयान दर्ज कराने के दौरान उन्हें विभिन्न दस्तावेज भी दिखाए गए। द्रमुक सांसद कनिमोझी सहित राजा और अन्य इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

राजा और कनिमोझी के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदोलिया, स्वान टेलीकाम के प्रोमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के एमडी संजय चंद्रा, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन शीर्ष कार्यकारी गौतम दोषी, सुरेन्द्र पीपारा और हरी नायर पर भी इस मामले में मुकदमा चल रहा है।

मामले में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राईवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड के प्रोड्यूसर करीम मोरानी भी आरोपी हैं।

लेखक NDTV Profit Desk
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