प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को जेपी इंफ्राटेक, जयप्रकाश एसोसिएट्स और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ 12,000 करोड़ रुपये के कथित फ्रॉड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत दिल्ली-NCR और मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की.
अधिकारियों के अनुसार, ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है. जांच में आरोप है कि इन कंपनियों ने हजारों होम बायर्स और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की और बड़ी मात्रा में फंड को इधर-उधर किया गया.
ED की जांच के घेरे में कई कंपनियां
PTI के मुताबिक, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, जो इस समय दिवालिया प्रक्रिया (Insolvency) से गुजर रही है, सीमेंट, निर्माण, रियल एस्टेट, पावर और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में काम करती है.
सूत्रों के अनुसार, गौर संस, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियल्टी जैसी रियल एस्टेट कंपनियां भी इस जांच के दायरे में आई हैं.
सुरक्षा रियल्टी ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड का अधिग्रहण किया था, ताकि NCR क्षेत्र में अटके हुए 20,000 फ्लैट्स के प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके.
ED ने जिन ठिकानों पर छापेमारी की, वहां से कुछ दस्तावेज और कंप्यूटर डिवाइसेज बरामद किए गए हैं.
अब तक संबंधित कंपनियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.