उद्योग मंडल एसोचैम के अनुमान के अनुसार जम्मू-कश्मीर में भारी बाढ़ के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था को 5,400-5,700 करोड़ रुपये का तात्कालिक नुकसान हुआ है।
इस बाढ़ के कारण व्यापार, होटल, रेस्तरां, बागवानी व हस्तशिल्प उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा है। सौ साल में सबसे भीषण बाढ़ के कारण जम्मू-कश्मीर में बिजली, रेलवे व संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं को बहुत नुकसान हुआ है।
एसोचैम के अनुसार राज्य में होटल, व्यापार, कृषि, सड़क व पुलों को 2,630 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। इसके अलावा रेलवे, बिजली तथा संचार जैसे ऊंची लागत वाले बुनियादी ढांचे को 2,700-3,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। एसोचैम के मुताबिक बाढ़ के कारण हुए नुकसान के बारे में ये केवल शुरुआती अनुमान हैं। जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को इसका वास्तविक नुकसान काफी अधिक हो सकता है, क्योंकि इस तरह की आपदा का असर लंबे समय तक होता है।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि सबसे बड़ी चिंता पर्यटकों का भरोसा टूटना है और पर्यटकों को दोबारा राज्य में आकर्षित करने में लंबा समय व प्रयास लगेंगे। इस बारे में उन्होंने उत्तराखंड का उदाहरण दिया है, जो कि पिछले साल की अप्रत्याशित बाढ़ से अभी उबरा नहीं है।