रुपया और लुढ़ककर 77.56 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर हुआ बंद, सबकी नजर RBI पर

अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 77.35 पर खुला और कारोबार के दौरान इसमें 77.26 से लेकर 77.55 के दायरे में घट-बढ़ हुई. कारोबार के अंत में रुपया 77.55 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव (77.50 रुपये प्रति डॉलर) के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट दर्शाता है.

डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा

भारतीय मुद्रा रुपये में गिरावट का दौर मंगलवार को भी जारी रहा. विदेशी कोषों के लगातार बाहर जाने और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण रुपया (Rupee News) मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे टूटकर 77.69 पर आ गया. शाम होते-होते यह थोड़ा सुधरकर 77.56 पर बंद हुआ, लेकिन यह भी रुपये का सबसे रिकॉर्ड निचला स्तर है. अब सबकी नजर रिजर्व बैंक पर है कि क्या 

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में मजबूती के कारण रुपये की गिरावट सीमित हुई. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.67 पर कमजोर खुला, और फिर गिरावट दर्ज करते हुए 77.69 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 14 पैसे कमजोरी दर्शाता है. शुरुआती सौदों में स्थानीय मुद्रा 77.71 के निचले स्तर को भी छुआ. इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.19 पर आ गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.25 फीसदी फिसलकर 113.95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.

शुक्रवार को रुपये का आरंभिक लाभ लुप्त होता दिखा और अंतर-बैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे टूटकर 77.55 रुपये प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर पर जा पहुंचा. इस गिरावट का कारण मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं का बढ़ना तथा डॉलर का मजबूत होना है. बाजार सूत्रों ने कहा कि अन्य क्षेत्रीय मुद्राओं में कमजोरी और निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों का रुपये की धारणा पर बुरा असर हुआ हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बाजार में हस्तक्षेप किए जाने से रुपये की हानि पर कुछ अंकुश लगा.

अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 77.35 पर खुला और कारोबार के दौरान इसमें 77.26 से लेकर 77.55 के दायरे में घट-बढ़ हुई. कारोबार के अंत में रुपया 77.55 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव (77.50 रुपये प्रति डॉलर) के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट दर्शाता है.

साप्ताहिक आधार पर, डॉलर सूचकांक के मजबूत होने, जोखिम लेने की धारणा में सुधार और विदेशी पूंजी की सतत निकासी के बीच रुपये के मूल्य में 65 पैसे की बड़ी गिरावट आई है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि सभी कारकों के बीच, नकदी पहलू अनिवार्य रूप से हालिया बाजार उतार चढ़ाव का एक प्रमुख चालक है और बाजार के भागीदार सुरक्षित निवेश विकल्प की ओर जा रहे हैं.''

खाद्य और ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से अप्रैल में भारत की मुद्रास्फीति लगातार सातवें महीने बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिससे कीमतों पर काबू पाने के लिए बैंक द्वारा अगले महीने की शुरुआत में ब्याज दरें बढ़ाने की आशंका बढ़ गई है. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक, 136.69 अंक की गिरावट के साथ 52,793.62 अंक पर बंद हुआ.

छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती दर्शाने वाली डॉलर सूचकांक 0.05 प्रतिशत घटकर 104.79 रह गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक, पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने शुक्रवार को 3,780.08 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.56 प्रतिशत बढ़कर 109.13 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेखक NDTV Profit Desk
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