एसबीआई के ग्राहकों को अब इस तरह से लेनदेन करने में लगेगा 75 फीसदी कम शुल्क...

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को प्रोत्साहन देने के लिए इलेक्ट्रानिक लेनदेन पर लगने वाले शुल्क में भारी कटौती की है. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए इलेक्ट्रानिक तरीके से धन हस्तांतरण शुल्क में 75 प्रतिशत तक कटौती की है.

स्टेट बैंक ने नेट बैंकिंग के जरिए लेनदेन के शुल्क में कटौती की है.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को प्रोत्साहन देने के लिए इलेक्ट्रानिक लेनदेन पर लगने वाले शुल्क में भारी कटौती की है. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए इलेक्ट्रानिक तरीके से धन हस्तांतरण शुल्क में 75 प्रतिशत तक कटौती की है. शुल्कों में यह कमी शनिवार से लागू होगी. बैंक ने एक बयान में कहा है कि इससे उसके 5.27 करोड़ ग्राहकों को फायदा होगा.

बयान में कहा गया है कि शुल्कों में यह कटौती बैंक द्वारा दी जा रही इंटरनेट बैंकिंग (आईएनबी) और मोबाइल बैंकिंग (एमबी) सेवाओं के जरिए किए जाने वाले लेनदेन पर लागू होगी. बैंक की यह शुल्क कटौती 15 जुलाई से लागू होगी. इसके लिए बैंक ने संशोधित एनईएफटी और आरटीजीएस शुल्क जारी किए हैं.

संशोधित शुल्कों के अनुसार 10,000 रुपये तक के कोष के हस्तांतरण पर एनईएफटी शुल्क दो से घटाकर एक रुपये कर दिया गया है. एक लाख रुपये तक के हस्तांतरण पर दो रुपये का शुल्क लगेगा. इसी तरह एक से दो लाख रुपये तक के हस्तांतरण पर एनईएफटी शुल्क मौजूदा 12 रुपये से घटाकर तीन रुपये किया गया है. वहीं दो लाख रुपये से अधिक के कोष हस्तांतरण पर यह शुल्क पांच रुपये होगा. अभी तक यह 20 रुपये था.

आरटीजीएस लेनदेन के लिए दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये के हस्तांतरण के लिए शुल्क पांच रुपये होगा. अभी तक इस तरह के लेनदेन के लिए बैंक का शुल्क 20 रुपये है.

यदि ग्राहक आरटीजीएस के जरिए पांच लाख रुपये से अधिक का हस्तांतरण करता है तो उस पर 10 रुपये का शुल्क लगेगा, जो अभी तक 40 रुपये है. यदि बैंक शाखाओं में कार्यकारियों के जरिए कोष का हस्तांतरण किया जाता है तो उस पर शुल्क दरें भिन्न होंगी. सभी नए शुल्कों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.

इसके साथ ही एसबीआई ने तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के जरिए 1,000 रुपये तक के हस्तांतरण पर शुल्क समाप्त कर दिया है.

एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘हमारी रणनीति तथा भारत सरकार की डिजिटल अर्थव्यवस्था की पहल के तहत हमने इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को प्रोत्साहन के लिए एनईएफटी और आरटीजीएस लेनदेन पर शुल्कों में कटौती की है.

मार्च के अंत तक एसबीआई के इंटरनेट बैंकिंग ग्राहकों की संख्या 3.27 करोड़ थी और मोबाइल बैंकिंग ग्राहकों की संख्या दो करोड़ थी. एसबीआई दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल है. यह परिसंपत्तियों, जमाओं, मुनाफा, शाखाओं और कर्मचारियों के लिहाज से देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक है.
(इनपुट एजेंसियों से)

लेखक NDTVKhabar News Desk
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