शेयर बाजारों ने लगाया गोता, सेंसेक्स 34,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसला- 5 जरूरी बातें

घरेलू शेयर बाजारों ने आज जबरदस्त गोता लगाया. शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 34,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन 500 से अधिक अंक धड़ाम हो गया. वहीं निफ्टी में भी 100 से अधिक अंकों की गिरावट देखी गई. सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर सेंसेक्स 455 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार करता देखा गया जबकि निफ्टी 141 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार करता देखा गया.

घरेलू शेयर बाजारों ने लगाया गोता, 34,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसला- 5 जरूरी बातें (प्रतीकात्मक फोटो)

घरेलू शेयर बाजारों ने आज जबरदस्त गोता लगाया. शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 34,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन 500 से अधिक अंक धड़ाम हो गया. वहीं निफ्टी में भी 100 से अधिक अंकों की गिरावट देखी गई. वैश्विक बाजार में गिरावट के कारण कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन सेंसेक्स और निफ्टी 1.5 प्रतिशत से अधिक गिर गए. सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर निफ्टी 146 अंक गिरावट के साथ 10,431 के स्तर पर देखा गया जबकि सेंसेक्स 471 अंक गिरावट के साथ 33,942 के  स्तर पर कारोबार करता देखा गया.

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आइए जानें इस गिरावट का कारण और इससे जुड़ी 5 खास बातें-

  1. अमेरिकी शेयर बाजार में सप्ताह में दूसरी बार प्रमुख सूचकांक डॉव जोंस में 1,000 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज हुई. डॉव जोंस 1,000 अंक टूट गया. यह अमेरिकी शेयर बाजार के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है.
  2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के तहत ऑटो से लेकर फाइनेंस, मीडिया, मिडकैप, बैंक और एनर्जी तक.. तमाम इंडेक्स रेड जोन में ट्रेडिंग करते देखे जा रहे हैं.
  3. नैस्डैक सूचकांक 274.82 अंकों यानी 3.90 फीसदी की गिरावट के साथ 6,777.16 पर बंद हुआ जबकि एसएंडपी 500 चकांक 100.66 अंकों यानी 3.75 फीसदी की गिरावट के साथ 2,581.00 पर बंदहुआ.
  4. एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार में हांगकांग का हैंगसेंग 3.62 प्रतिशत, जापान का निक्की 3.22 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 4.24 प्रतिशत तक की गिरावट में रहे.
  5. अमेरिका में तेज गिरावट की वजह है इसकी बॉन्ड यील्ड का 2.85 फीसदी के स्तर पर पहुंचना. होता यह है कि बॉन्ड यील्ड बढ़ने के बाद यूएस फेड रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने की आशंका रहती है.
लेखक NDTVKhabar News Desk
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