शेयर बाजार मामूली तेजी के साथ हुए बंद, बैंकिंग ऑटो सेक्टर में तेजी

शेयर बाजार में सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स लगभग 115 अंक चढ़ गया. कच्चे तेल के दाम में तेजी के बावजूद मुख्य रूप से वाहन, बैंक और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आई. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 114.92 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,106.44 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 58,793.08 से 59,204.82 अंक के दायरे में रहा.

हरे निशान के साथ शेयर बाजार बंद

शेयर बाजार में सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स लगभग 115 अंक चढ़ गया. कच्चे तेल के दाम में तेजी के बावजूद मुख्य रूप से वाहन, बैंक और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आई. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 114.92 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,106.44 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 58,793.08 से 59,204.82 अंक के दायरे में रहा.

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 22 लाभ में जबकि आठ नुकसान में रहे. पचास शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 38.30 अंक यानी 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,398.05 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी के शेयरों में 32 लाभ में जबकि 18 नुकसान में रहे.

पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स 1,492 अंक यानी 2.51 प्रतिशत, जबकि निफ्टी 446 अंक यानी 2.9 प्रतिशत मजबूत हुआ है.

वाहन, पूंजीगत वस्तु और बैंक तथा वित्तीय शेयरों में तेजी से बाजार को समर्थन मिला. हालांकि आईटी, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों और धातु शेयरों में बिकवाली से लाभ पर अंकुश लगा.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों का मानना है कि महंगाई को लेकर स्थिति नरम होने से केंद्रीय बैंक के पास नीतिगत दर में वृद्धि पर रोक लगाने की गुंजाइश होगी. हालांकि, तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों के अचानक से उत्पादन में कटौती से मुद्रास्फीतिक दबाव को लेकर चिंता बढ़ी है. इसको देखते हुए केंद्रीय बैंक आक्रामक रुख अपना सकता है.''

सऊदी अरब और अन्य प्रमुख तेल उत्पादक देशों के उत्पादन में कटौती से तेल का दाम सोमवार को करीब पांच प्रतिशत उछलकर एक महीने के उच्चस्तर 84.19 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. सऊदी अरब समेत तेल उत्पादक देशों ने मई से इस साल के अंत तक तेल उत्पादन में 11.5 लाख टन की कटौती का फैसला किया है.

दूसरी तरफ, एक मासिक सर्वे के अनुसार भारत में विनिर्माण गतिविधियां मार्च में तीन महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गईं. नये ऑर्डर, उत्पादन बढ़ने, मांग में मजबूती तथा लागत दबाव में कमी के बीच देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां मार्च महीने के दौरान तीन महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गईं.

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त में, जबकि हांगकांग का हैंगसैंग नुकसान में रहा.

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने शुक्रवार को 357.86 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.
 

लेखक NDTV Profit Desk
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