शेयर बाजार : आंकड़े, तिमाही परिणाम पर रहेगी नजर

देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाहें प्रमुख आंकड़ों, कंपनियों के तिमाही परिणामों और अमेरिकी शटडाउन के बीच वहां की राजनीतिक गतिविधियों पर टिकी रहेंगी।

देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाहें प्रमुख आंकड़ों, कंपनियों के तिमाही परिणामों और अमेरिकी शटडाउन के बीच वहां की राजनीतिक गतिविधियों पर टिकी रहेंगी।

शेयर बाजारों में अगली महत्वपूर्ण गतिविधि कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा रहेगी। निवेशक परिणामों के साथ आने वाली कंपनी की भावी आय के अनुमान पर भी गौर करेंगे। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस शुक्रवार 11 अक्टूबर को दूसरी तिमाही के परिणाम की घोषणा करेगी।

सरकार शुक्रवार को ही अगस्त 2013 के लिए औद्योगिक उत्पादन आंकड़ा जारी करेगी। जुलाई में औद्योगिक उत्पादन विकास दर 2.6 फीसदी रही थी, जबकि जून में इसमें 1.8 फीसदी गिरावट रही थी। 14 अक्टूबर को सितंबर माह के लिए थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर और उपभोक्ता मूल्य पर आधारित उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे।

अगस्त महीने में उपभोक्ता महंगाई दर 9.52 फीसदी थी, जो जुलाई में 9.64 फीसदी थी। थोक महंगाई दर अगस्त में 6.1 फीसदी दर्ज की गई, जो जुलाई में 5.79 फीसदी थी।

29 अक्टूबर 2013 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। पिछली समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो और रिजर्व रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि करते हुए इन्हें क्रमश: 7.5 फीसदी और 6.5 फीसदी कर दी थी। बैंक ने हालांकि, कुछ अन्य तरलता घटाने वाले उपायों में ढील दे दी थी।

इस दौरान पूरी दुनिया के निवेशक अमेरिका में शटडाउन के बीच जारी राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर टिकाए रहेंगे। इस अवधि में अमेरिकी सांसदों को अमेरिका की कर्ज सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी फैसला लेना है। यदि इस पर भी सांसद सहमति कायम करने में असफल रहेंगे, तो परिणाम स्वरूप डॉलर का अवमूल्यन हो सकता है।

प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष जॉन बोएनर ने हालांकि, 3 अक्टूबर को संकेत दिया है कि वह डेमोक्रैट सांसदों के साथ मिलकर कर्ज सीमा को बढ़ाना चाहते हैं।

30 सितंबर को मानसून के समाप्त होने तक छह फीसदी अधिक बारिश होने के कारण किसानों को इस बार अधिक उपज होने की उम्मीद है। नतीजतन, उनकी क्रयक्षमता बढ़ने से बाजार में मांग बढ़ेगी। साथ ही त्योहारों के मौसम में कई सेक्टरों में तेजी आने की उम्मीद है। इनमें वाहन, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

लेखक NDTV Profit Desk
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