इन्फोसिस ने शुरू से ही प्रौद्योगिकी को सर्वव्यापी बनाने पर जोर दिया : शिबूलाल

देश की दूसरी सबसे साफ्टवेयर सेवा निर्यातक इन्फोसिस ने तीन दशक पहले परिचालन शुरू करने के बाद से हमेशा प्रौद्योगिकी को सर्वव्यापी बनाने तथा सेवाओं के वैश्वीकरण पर जोर दिया है। आईटी कंपनी के सह-संस्थापक एस डी शिबूलाल ने बुधवार को यह बात कही।

देश की दूसरी सबसे साफ्टवेयर सेवा निर्यातक इन्फोसिस ने तीन दशक पहले परिचालन शुरू करने के बाद से हमेशा प्रौद्योगिकी को सर्वव्यापी बनाने तथा सेवाओं के वैश्वीकरण पर जोर दिया है। आईटी कंपनी के सह-संस्थापक एस डी शिबूलाल ने बुधवार को यह बात कही।

आठ अरब डालर से अधिक की आईटी सेवा कंपनी का गठन एनआर नारायणमूर्ति ने शिबूलाल, एस गोपालकृष्णन, नंदन नीलेकणि तथा तीन अन्य इंजीनियरों के साथ पुणे के एक फ्लैट में 250 डालर की शुरुआती पूंजी के साथ किया था।

बेंगलूर मुख्यालय वाली कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशक शिबूलाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी मददगार साबित हुई तथा उसने प्रक्रिया को अधिक तर्कसंगत बनाया जिससे परिचालन लागत व समय में कमी हुई।

यहां उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में शिबूलाल ने कहा, ‘‘1981 में इन्फोसिस की शुरआत करते समय हमने दो बातों पर जोर दिया था। एक अगले 30 साल में प्रौद्योगिकी को सर्वव्यापी बनाना तथा 30 साल में सेवा उद्योग का वैश्वीकरण करना।’’

शिबूलाल जनवरी में अपना कार्यकाल पूरा होने से दो माह पहले सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्फोसिस दुनिया भर में 6,000 कार्यक्रमों का प्रबंधन करती है और यह प्रौद्योगिकी की वजह से ही संभव हो पाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी आगे बढ़े इसके नवप्र्वतन तथा प्रौद्योगिकी को अपनाने की सोच जरूरी है।’’ इसी तरह की राय जाहिर करते हुए माइक्रोसाफ्ट इंडिया के चेयरमैन भास्कर प्रमाणिक ने कहा कि प्रौद्योगिकी से लागत घटाने व उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है।

पीडब्ल्यूसी के कार्यकारी निदेशक व पार्टनर तथा प्रौद्योगिकी सलाहकार लीडर देबदास सेन ने कहा कि 80 फीसद भारतीय सीईओ कह रहे हैं कि अगले पांच साल में कारोबार में बदलाव में प्रौद्योगिकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

लेखक NDTV Profit Desk
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