छोटी कंपनियों के शेयरों का जलवा, बड़े शेयर पीछे छूटे

इस साल अभी तक स्मॉल कैप और मिडकैप शेयरों का प्रदर्शन ब्लूचिप कंपनियों से बेहतर रहा है. छोटी कंपनियों के शेयरों ने अभी तक साल के दौरान 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

इस साल अभी तक स्मॉल कैप और मिडकैप शेयरों का प्रदर्शन ब्लूचिप कंपनियों से बेहतर रहा है. छोटी कंपनियों के शेयरों ने अभी तक साल के दौरान 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

साल के दौरान मिडकैप सूचकांक का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर रहा है. यह 2,371.97 अंक या 21.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 13,515.05 अंक पर पहुंच गया है.  वहीं स्मॉल कैप 11.98 प्रतिशत या 1,419.22 अंक की बढ़त के साथ 13,255.93 अंक रहा है.

बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स अभी तक 1,964.8 अंक या 7.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 28,082.34 अंक पर पहुंचा है. मिडकैप सूचकांक 6 अक्टूबर को अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 13,713.09 अंक पर पहुंचा था जबकि उसी दिन स्मालकैप ने अपना 13,381.31 अंक का रिकॉर्ड स्तर छुआ था. वहीं सेंसेक्स 8 सितंबर, 2016 को अपने 52 सप्ताह के शीर्ष स्तर 29,077.28 अंक पर पहुंचा था.

इससे पहले वर्ष के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव तथा चीन की अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंता से बाजार की धारणा प्रभावित हुई थी. हालांकि, बजट बाद बाजार में आई तेजी से कुछ नुकसान की भरपाई हो सकी थी. मासिक आधार पर सेंसेक्स मार्च से सितंबर तक लगातार बढ़त दर्ज करता रहा है.

पिछले साल भी मिडकैप और स्मालकैप शेयरों ने बड़ी कंपनियों की तुलना में निवेशकों को अधिक यानी औसतन 7.4 प्रतिशत का रिटर्न दिया था. वर्ष 2015 में सेंसेक्स 1,381.88 अंक या पांच प्रतिशत टूटा था, जबकि 2014 में इसमें करीब 30 प्रतिशत की बढ़त रही थी.
 

लेखक Bhasha
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