आईआईपी आंकड़ों के मद्देनजर बाजार में रह सकता है उतार-चढ़ाव

विश्लेषकों का कहना है कि कंपनियों के तिमाही नतीजों के कारण भी कारोबारी धारणा पर असर होगा। कंपनियों के नतीजों की शुरुआत 12 अक्टूबर से इंफोसिस के साथ होगी।

इस सप्ताह औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आने हैं, जिसके मद्देनजर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा। विश्लेषकों का कहना है कि इसके अलावा कंपनियों के तिमाही नतीजों के कारण भी कारोबारी धारणा पर असर होगा। कंपनियों के नतीजों की शुरुआत 12 अक्टूबर से इंफोसिस के साथ होगी।

बोनान्जा पोर्टफोलियो के उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, शुक्रवार को आईआईपी आंकड़े के कारण बाजार का रुख प्रभावित होना चाहिए। जुलाई-सितंबर की तिमाही का निगमित आंकड़ा भी आना शुरू होगा और इसे शेयर विशेष और क्षेत्र विशेष पर प्रभाव होगा। भारतीय रिजर्व बैंक की 30 सितंबर की मौद्रिक नीति की समीक्षा से पहले औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े काफी महत्व रखते हैं।

इन्वेंचर ग्रोथ एंड सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मिलन बाविशी के अनुसार, आने वाले सप्ताह में डॉलर में उतार-चढ़ाव के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है। मौजूदा समय में रुपये में मजबूती के संकेत दिखाई दे रहे हैं, लेकिन अस्थायी रूप से रुपये में कमजोरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके कारण बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है।

बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार द्वारा बीमा और पेंशन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित बड़े आर्थिक सुधार के कदम उठाए गए हैं, जिससे बाजार को राहत जारी रहेगी। एडलवेस सिक्योरिटीज लिमिटेड ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह साफ होता जा रहा है कि सरकार सुधार कार्यक्रमों की दिशा में अग्रसर है और बाजार ने इन पहलों से राहत की सांस ली है।

दूसरी तिमाही के नतीजों से उम्मीदों के बारे में एंजल ब्रोकिंग ने एक रिपोर्ट में कहा कि वृद्धि दर की गति धीमी पड़ने तथा मुद्रास्फीति में तेजी के कारण वित्तवर्ष 2012-13 की दूसरी तिमाही में भी कुछ हद तक कंपनियों के नतीजों की राह में विध्न बने रहने की आशंका है। इस तिमाही में बैंकिंग, आईटी, खनन और धातु जैसे क्षेत्र सेंसेक्स की तेजी में योगदान देते रहेंगे, जबकि तेल एवं गैस तथा दूरसंचार जैसे क्षेत्र द्वारा कुल आय के प्रभावित होने की संभावना है।

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत अमेरिका के वित्तमंत्री टिमोथी गेथनर की अगुवाई में शीर्ष अमेरिकी अधिकारी इस सप्ताह भारत का ऐसे समय में दौरा करेंगे, जब भारत ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश को अनुमति देने और बीमा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है।

गेथनर के साथ फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष बेन बर्नान्के तथा कई अन्य अधिकारी नौ अक्तूबर से दो दिन के दौरे पर भारत आएंगे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की राजधानी दिल्ली और मुंबई में कई उच्चस्तरीय बैठकें होना निर्धारित है। वैश्विक मोर्चे पर पिछले महीने अमेरिका में बेरोजगारी दर घटकर 7.8 प्रतिशत रह गई।

लेखक NDTV Profit Desk
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