Stock Market: अगले सप्ताह इन फैक्टर्स से तय होगी शेयर बाजार की दिशा, निवेशकों में डर का माहौल

Stock Market Update: अमेरिका में बैंक संकट (US Banking Crisis) बढ़ने की आशंका से शेयर बाजार के निवेशक सतर्क रुख अपनाये हुए हैं.

अगले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. इसकी वजह घरेलू स्तर पर ठोस संकेत के अभाव होना है और निवेशकों की नजर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे समेत वैश्विक गतिविधियों पर होगी. बाजार विश्लेषकों ने यह कहा कि इस समय वैश्विक रुख भारतीय शेयर बाजार को दिशा दे रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कारोबारियों की निगाह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) गतिविधियों, रुपये के मूल्य (Rupee Rate) में उतार-चढ़ाव और तेल कीमतों (Oil Price) पर भी होगी.

पिछले सप्ताह प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex और निफ्टी(Nifty) करीब दो प्रतिशत की गिरावट आई. हालांकि, बाजार में अंतिम दो कारोबारी सत्र में बढ़त के बावजूद यह गिरावट आई. इस गिरावट का कारण मुख्य रूप से वित्तीय, आईटी, वाहन और बैंक शेयरों में बिकवाली है. अमेरिका में बैंक संकट (US Banking Crisis) बढ़ने की आशंका से निवेशक सतर्क रुख अपनाये हुए हैं. विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका में बैंकों में संकट अभी केंद्र में है. इससे निवेशक चिंतित हैं. इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) की पूंजी निकासी जारी रहने से भी चिंता है.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. में उपाध्यक्ष (टेक रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘किसी प्रमुख घरेलू घटनाक्रम के अभाव में, अब निवेशकों का ध्यान फेडरल ओपेन मार्केट केमेटी (एफओएमसी) की 21-22 मार्च को होने वाली बैठक पर होगी. इसके अलावा, कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव और फॉरेन फंड के कैपिटल इन्फ्लो (Capital Inflow of Foreign Funds) के रुख से भी बाजार को दिशा मिलेगी.''

शेयर बाजार के कारोबारियों को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल ओपेन मार्केट कमेटी पॉलिसी रेट (Policy Rate) में अपेक्षाकृत कम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है या फिर उसे मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है. इसका कारण अमेरिका में महंगाई दर फरवरी में घटकर छह प्रतिशत पर आ गई, जो एक महीने पहले 6.4 प्रतिशत थी. इसके साथ ही अमेरिका अर्थव्यवस्था (US Economy) बैंकिंग संकट (Banking Crisis) से जूझ रहा है.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में मुद्रास्फीति (Inflation)  कम होने से भरोसा जगा है कि फेडरल रिजर्व आक्रामक रूप से पॉलिसी रेट नहीं बढ़ाएगा और मार्च बैठक में यथास्थिति भी बरकरार रख सकता है.'' उन्होंने कहा कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक (European Central Bank) के पॉलिसी रेट में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि से अब सबकी नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Us Federal Reserve) तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड  (Bank of England) पर है. अगले सप्ताह नीतिगत दर को लेकर दोनों केंद्रीय बैंक बैठक करेगी.

स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) और न्यूयॉर्क के सिग्नेचन बैंक (Signature Bank) में संकट से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में लगातार नकारात्मक संकेतों से निवेशक डॉलर और सोना जैसे सुरक्षित माने जाने वाले निवेश उत्पादों में पैसा लगा रहे हैं. वहीं एफआईआई घरेलू रुपये की विनिमय दर में गिरावट को देखते हुए घरेलू बाजार से निवेश निकाल रहे हैं.

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक शुक्रवार को शुद्ध बिकवाल रहे और और उन्होंने 1,766.53 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने 1,817.14 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.

लेखक NDTV Profit Desk
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