सेंसेक्स, निफ्टी में 1 व रियल्टी में 4 फीसदी तेजी

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में गत सप्ताह करीब एक फीसदी और रियल्टी सेक्टर में चार फीसदी तेजी रही।

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में गत सप्ताह करीब एक फीसदी और रियल्टी सेक्टर में चार फीसदी तेजी रही। बीते सप्ताह सिर्फ चार कारोबारी सत्र आयोजित हुआ। गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को शेयर बाजार बंद रहे।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 0.96 फीसदी या 188.68 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 19,915.95 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.3 फीसदी या 74.10 अंकों की तेजी के साथ 5,907.30 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 21 शेयरों में तेजी रही। बजाज ऑटो (6.37 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (5.02 फीसदी), टीसीएस (4.40 फीसदी), मारुति सुजुकी (4.38 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे ओएनजीसी (3.52 फीसदी), एनटीपीसी (3.52 फीसदी), आईटीसी (2.52 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (2.06 फीसदी) और डॉ. रेड्डीज लैब (1.78 फीसदी)।

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 1.94 फीसदी तेजी के साथ 5,731.01 पर और स्मॉलकैप 1.25 फीसदी तेजी के साथ 5,565.54 पर बंद हुआ।

आलोच्य अवधि में बीएसई के 13 में से 10 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (4.24 फीसदी), बैंकिंग (2.90 फीसदी), वाहन (2.73 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (2.38 फीसदी) और प्रौद्योगिकी (2.03 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले सेक्टरों में रहे तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.83 फीसदी), बिजली (1.10 फीसदी) और सार्वजनिक कंपनियां (0.41 फीसदी)।

गत सप्ताह के प्रमुख आर्थिक घटनाक्रमों में अमेरिका के नए वित्त वर्ष के लिए कांग्रेस में रिपब्लिकनों के बहुमत वाले प्रतिनिधि सभा और डेमेक्रैटों के बहुमत वाले सीनेट के बीच समय सीमा के भीतर सहमति नहीं बन पाने के कारण सोमवार मध्य रात से अमेरिका के संघीय सरकार में शटडाउन प्रभावी हो गया। शटडाउन के कारण कई गैर अत्यावश्यक सेवाओं को ठप कर दिया गया और उनसे संबंधित करीब आठ लाख लोगों को अवैतनिक छुट्टी दे दी गई।

इधर देश में वित्त मंत्री पी चिदंबरम और भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन के बीच गुरुवार को हुई एक बैठक में सरकारी बैंकों में मौजूदा कारोबारी साल में निवेश की जाने वाली राशि में समुचित वृद्धि करने का फैसला किया गया। ऐसा इसलिए किया ताकि बैंक उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु और वाहने जैसे चुने हुए क्षेत्रों में कम ब्याज दर वाली कर्ज योजना पेश करें और इससे आर्थिक सुस्ती झेल रहे देश में मांग में वृद्धि हो।

गत सप्ताह विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई। शुक्रवार 4 अक्टूबर को रुपया 61.41 पर कारोबार कर रहा था, जो शुक्रवार 27 अक्टूबर को 62.51 के स्तर पर था।

30 सितंबर को समाप्त मानसून सत्र में देश में औसत से छह फीसदी अधिक बारिश हुई। देश की आधी से अधिक कृषि भूमि सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर है इसलिए इस साल जबरदस्त खेती होने की उम्मीद है और इससे गांवों में मांग बढ़ने की उम्मीद है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सोमवार को बाजार बंद होने के बाद जारी आंकड़े के मुताबिक, देश का चालू खाता घाटा प्रथम तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 फीसदी या 21.8 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में जीडीपी का चार फीसदी या 16.9 अरब डॉलर था।

सरकार द्वारा सोमवार को बाजार बंद होने के बाद जारी आंकड़ों के मुताबिक आठ प्रमुख उद्योगों को उत्पादन अगस्त 2013 में साल-दर-साल आधार पर 3.7 फीसदी अधिक रहा। पिछले सात महीने में यह सर्वाधिक है।

लेखक NDTV Profit Desk
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