पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती सब्सिडी बड़ी चुनौती : चिदंबरम

पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते सब्सिडी बोझ से चिंतित वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को डीजल, मिट्टी तेल और रसोई गैस जैसे पेट्रोलियम पदार्थों पर दी जाने वाली भारी सब्सिडी को बड़ी चुनौती बताया और समस्या के जल्द निदान पर जोर दिया।

पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते सब्सिडी बोझ से चिंतित वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को डीजल, मिट्टी तेल और रसोई गैस जैसे पेट्रोलियम पदार्थों पर दी जाने वाली भारी सब्सिडी को बड़ी चुनौती बताया और समस्या के जल्द निदान पर जोर दिया।

चिदंबरम ने तीन दिन तक चले पेट्रोटेक-2012 के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा ‘पेट्रोलियम उत्पादों की वास्तविक लागत का सामान्य से भी कम बोझ आगे उपभोक्ताओं पर डालने की वजह से इन उत्पादों पर सब्सिडी काफी बढ़ गई है। सब्सिडी का यह भारी बोझ लंबे समय तक वहन करने लायक नहीं है और हमें इनके दाम में चल रही विकृति को ठीक करना ही होगा।’

वित्तमंत्री ने कहा कि देश जरुरत का 75 प्रतिशत तक तेल आयात करता है जिससे चालू खाते का घाटा बढ़ने के साथ साथ सब्सिडी बोझ और सरकार का राजकोषीय घाटा भी बढ़ा है। ‘भारत ही नहीं बल्कि सभी विकासशील देशों के लिए एकमात्र जोखिम बढ़ते सब्सिडी बोझ का है। हालांकि, हर साल तेल सब्सिडी के लिए बजट में प्रावधान किया जाता है, लेकिन यह प्रावधान वास्तविक सब्सिडी से कहीं पीछे रह जाता है, क्योंकि तेल के दाम विदेशों में तय होते हैं।’

उन्होंने कहा कि वर्ष 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट और वर्ष 2011-12 के यूरोक्षेत्र के संकट के दौरान भारत की समग्र अर्थव्यवस्था पर वैश्विक तेल मूलयों का असर रहा है। ‘‘उत्पाद की कठिन उपलब्धता, बढ़ते मूल्य के साथ बढ़ती मांग से आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ सकती है और वास्तव में यह धीमी पड़ी भी है जिसका नागरिकों के कल्याण कार्यक्रमों पर गहरा असर पड़ा है और यह नीतिनिर्माताओं के समक्ष एक प्रमुख चुनौती है।’’

लेखक NDTV Profit Desk
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