अमेरिकी शटडाउन पर असहमति बरकरार, बातचीत जारी

राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके डेमोक्रेट सांसदों तथा विपक्षी रिपब्लिकन सांसदों के बीच सरकारी कामबंदी खत्म करने या कर्ज सीमा बढ़ाने के बारे में कोई समझौता नहीं हो पाया है। लेकिन दोनों पक्ष वार्ता जारी रखने को राजी हैं। शटडाउन 12वें दिन में प्रवेश कर गया है।

बराक ओबामा का फाइल फोटो

राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके डेमोक्रेट सांसदों तथा विपक्षी रिपब्लिकन सांसदों के बीच सरकारी कामबंदी खत्म करने या कर्ज सीमा बढ़ाने के बारे में कोई समझौता नहीं हो पाया है। लेकिन दोनों पक्ष वार्ता जारी रखने को राजी हैं। शटडाउन 12वें दिन में प्रवेश कर गया है।  

ओबामा और दोनों पार्टियों के सांसदों के बीच इस हफ्ते हुई कई दौर की वार्ता के बाद व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा, "रचनात्मक रुख के मामले में हम निश्चय ही पहले से बेहतर स्थिति में हैं।"

गुरुवार को प्रतिनिधिसभा के रिपब्लिकन सदस्यों के साथ और फिर शुक्रवार को सीनेट के रिपब्लिकन सदस्यों के साथ बैठक के बाद ओबामा और रिपब्लिकन के वर्चस्व वाले प्रतिनिधिसभा के अध्यक्ष जॉन बोहनर ने फोन पर बात की।

कार्ने ने कहा, "दोनों इस बात पर राजी हुए कि जो भी मुद्दे हैं उन पर बातचीत जारी रखी जाए।"

समझौता नहीं होने के बावजूद न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, "ओबामा और कांग्रेस के रिपब्लिकन सांसदों ने अपनी वार्ताओं में व्यापक लचीलापन दिखाया है। देश के वित्तीय मुद्दे पर लगता है राजनीति दूरियां घटी हैं।"

वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि ओबामा ने बोहनर के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें कर्ज सीमा नवंबर तक बढ़ाने, और इस दौरान बजट समझौते पर बातचीत करने की बात कही गई थी। इसके बाद कांग्रेस के रिपब्लिकन सांसद सरकार कामकाज शुरू कराने और पहली बार आसन्न दिवालिएपन के खतरे को टालने की एक नई योजना विकसित करने में लगे हुए हैं।

ओबामा ने कहा कि बजट पर वार्ता में रिपब्लिकनों की सभी चिंताओं को शामिल किया जा सकता है, लेकिन शटडाउन और दिवालिएपन के मुद्दे को सुलझाने के बाद।

इस बीच, जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के अध्यक्षों ने अमेरिका से वित्तीय संकट को शीघ्र सुलझाने का आग्रह किया है।

संगठन ने कहा कि अमेरिका को अल्पकालिक वित्तीय अनिश्चितता को दूर करने के लिए तत्काल उपाय करने चाहिए।

जी-20 ने कहा कि इस गतिरोध का दूर होना वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी है, जिसमें सुधार के संकेत तो मिले हैं, लेकिन वह अभी भी गिरावट के खतरे से पूरी तरह उबरी नहीं है।

लेखक NDTV Profit Desk
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