सितंबर में 30 माह का न्यूनतम व्यापार घाटा

देश का निर्यात सितंबर महीने में बढ़ने तथा आयात घटने से व्यापार घाटा कम रहा और यह 30 महीने के निम्न स्तर 6.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

देश का निर्यात सितंबर महीने में बढ़ने तथा आयात घटने से व्यापार घाटा कम रहा और यह 30 महीने के निम्न स्तर 6.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे रुपये की विनिमय दर में स्थिरता लाने में मदद मिल सकती है। हाल में रुपये की विनिमय दर में खासा उतार-चढ़ाव देखने को मिला था।

वाणिज्य सचिव एसआर राव ने यहां संवाददाताओं से कहा, सितंबर महीने में जहां आयात में उल्लेखनीय 18.1 प्रतिशत की गिरावट आयी है, वहीं निर्यात 11.5 प्रतिशत बढ़ा। आंकड़ों के अनुसार, कपड़ा, औषधि तथा कृषि निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई जबकि सोना तथा तेल के आयात कम होने से कुल मिलाकर आयात में गिरावट दर्ज की गई।

इस साल सितंबर में सोना और चांदी का आयात 80 प्रतिशत से अधिक घटकर 0.8 अरब डॉलर रहा, जो बीते साल सितंबर में 4.6 अरब डॉलर था। इसी तरह, समीक्षाधीन माह में तेल का आयात करीब 6 प्रतिशत घटकर 13.19 अरब डॉलर रहा।

राव ने कहा, ‘‘...गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने के उपायों का अच्छा असर पड़ा है और हमें इसे जारी रखने की जरूरत है ताकि हमारा रुपया मजबूत हो। इस साल अप्रैल से अब तक रुपये की विनिमय दर 15 प्रतिशत घटी है। इससे पहले, मार्च 2011 में व्यापार घाटा सबसे कम 3.8 अरब डॉलर था। अगस्त में यह अंतर 10.9 था।

सितंबर महीने में निर्यात और आयात क्रमश: 27.68 अरब डॉलर और 34.4 अरब डॉलर रहा। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के दौरान निर्यात 5.14 प्रतिशत बढ़कर 152.1 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 1.8 प्रतिशत घटकर 232.23 अरब डॉलर रहा। छह महीने की अवधि में व्यापार घाटा 80.1 अरब डॉलर रहा।

वाणिज्य सचिव ने उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष में 325 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। सोना और कच्चे तेल का आयात अधिक रहने से देश का व्यापार घाटा अधिक रहा है। व्यापार घाटा अधिक होने से चालू खाते का घाटा बढ़ा है, जो 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 प्रतिशत या 88.2 अरब डॉलर था।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सोना और चांदी का आयात 8.7 प्रतिशत बढ़कर 23.1 अरब डॉलर रहा। राव ने कहा कि सितंबर महीने में आयात का आंकड़ा 30 महीने का निम्न स्तर है।

उन्होंने कहा, सरकार ने गैर-जरूरी जिंसों खासकर मूल्यवान पत्थरों के आयात कम करने के लिए कदम उठाए हैं, व्यापार घाटा कम होने का यह एकमात्र कारण है। अप्रैल-सितंबर के दौरान तेल आयात 3.58 प्रतिशत बढ़कर 82.87 अरब डॉलर रहा। गैर-तेल आयात 4.55 प्रतिशत घटकर 149.35 अरब डॉलर रहा। सितंबर महीने में 24.19 प्रतिशत घटकर 21.24 अरब डॉलर रहा।

राव ने कहा कि देश के निर्यात में अच्छा-खासा योगदान देने वाले इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात सितंबर महीने में 15.2 प्रतिशत बढ़कर 5.2 अरब डालर रहा। हालांकि अप्रैल-सितंबर के दौरान यह 0.62 प्रतिशत घटकर 28.07 अरब डालर रहा।

रत्न एवं आभूषण निर्यात सितंबर महीने में 8.31 प्रतिशत घटकर 3.79 अरब डॉलर रहा। अप्रैल-सितंबर के दौरान यह 8.7 प्रतिशत घटकर 20 अरब डॉलर रहा। चाय, काफी और मसालों का निर्यात घटा है।

परिधान निर्यात संवर्धन परिषद के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि अच्छे मानसून तथा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के मद्देनजर इस साल निर्यात बेहतर रह सकता है।

भारतीय निर्यातक संघों के महासंघ के अध्यक्ष रफीक अहदम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात 350 अरब डॉलर रह सकता है।

उन्होंने कहा, व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष में घटकर 150 अरब डॉलर के नीचे आ सकता है, जिससे सरकार को चालू खाते का घाटा 70 अरब डॉलर के दायरे में रखने में मदद मिलेगी।

लेखक NDTV Profit Desk
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