दिवालिया होने से बच गया अमेरिका, डेट सीलिंग पर बन गई बात

दुनिया सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति अमेरिका के डिफॉल्ट होने की संभावना अब नहीं है. यानी अमेरिका अब दिवालिया नहीं होगा. बुधवार को अमेरिकी की प्रतिनिधि सभा ने ट्रेजरी द्वारा निर्धारित समय सीमा से केवल 5 दिन पहले कर्ज की सीमा बढ़ाने के बिल को पास कर दिया है. बता दें कि 5 जून को अमेरिका में कर्ज की लिमिट ढ़ाने के लिए अंतिम तारीख रखी गई थी. अमेरिका के दिवालिया होने से 5 दिन पहले कांग्रेस ने यह बिल पास कर दिया है. माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रयास रंग लाया है और उन्होंने समय पर अमेरिका के डेट सीलिंग की लिमिट को बढ़ाने के लिए विपक्ष को राजी कर लिया और प्रतिनिधि सभा में बिल को पास कर दिया गया.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन.

दुनिया सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति अमेरिका के डिफॉल्ट होने की संभावना अब नहीं है. यानी अमेरिका अब दिवालिया नहीं होगा. बुधवार को अमेरिकी की प्रतिनिधि सभा ने ट्रेजरी द्वारा निर्धारित समय सीमा से केवल 5 दिन पहले कर्ज की सीमा बढ़ाने के बिल को पास कर दिया है. बता दें कि 5 जून को अमेरिका में कर्ज की लिमिट ढ़ाने के लिए अंतिम तारीख रखी गई थी. अमेरिका के दिवालिया होने से 5 दिन पहले कांग्रेस ने यह बिल पास कर दिया है. माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रयास रंग लाया है और उन्होंने समय पर अमेरिका के डेट सीलिंग की लिमिट को बढ़ाने के लिए विपक्ष को राजी कर लिया और प्रतिनिधि सभा में बिल को पास कर दिया गया. अब यह बिल सीनेट में भेजा जाएगा.

मिली जानकारी के अनुसार दोनों पार्टियों में से अधिकांश सदस्यों ने इस बिल का समर्थन किया है. डेमोक्रेट्स ने इस बिल को 165-46 से सपोर्ट किया वहीं, रिपब्लिकन्स ने इस बिल को 149-71 वोटों से सपोर्ट किया है. 

बता दें कि अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने सरकार को साफ कर दिया था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वह अपने बिलों का भुगतान करने में असमर्थ है. यदि ट्रेजरी अपने सभी वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ होता तो विश्लेषकों का अनुमान रहा है कि अमेरिकी शेयर बाजारों को तेज, अस्थायी झटका लगने की संभावना थी.

गौरतलब है कि 2011 में इसी तरह के ऋण सीमा गतिरोध के दौरान, ट्रेजरी अधिकारियों ने ट्रेजरी सिक्योरिटीज पर डिफ़ॉल्ट को रोकने के लिए आकस्मिक योजना तैयार की थी.

जानकारों का कहना था है कि यदि डेट सीलिंग को बढ़ाया नहीं जाता तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के सामने कई तरह के संकट खड़े हो जाते. इनमें से अमेरिकी कर्ज को डाउनग्रेड करने की चिंता सबसे बड़ी थी. निवेशकों में घबराहट थी कि रेटिंग एजेंसियां अमेरिकी कर्ज को डाउनग्रेड न कर दें. यह आखिरी बार 2011 में हुआ था, जब एक समान ऋण सीमा गतिरोध में रेटिंग एजेंसी S&P ने अपनी US क्रेडिट रेटिंग AAA से घटाकर AA+ कर दी थी.

लेखक NDTV Profit Desk
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