अमेरिका में बांड खरीद कम होने का भारत पर बड़ा असर नहीं : चिदंबरम

वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व बैंक के मौद्रिक प्रोत्साहन कार्यक्रम में कमी किए जाने के असर से निपटने के लिए भारत बेहतर रूप से तैयार है।

पी चिदंबरम की फाइल तस्वीर

वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व बैंक के मौद्रिक प्रोत्साहन कार्यक्रम में कमी किए जाने के असर से निपटने के लिए भारत बेहतर रूप से तैयार है।

चिदंबरम ने कहा कि फेडरल जिर्व के फैसले का कोई बड़ा असर नहीं होगा और यदि जरूरत पड़ी तो और कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, हम अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले के असर से निपटने के लिए मई, 2013 के मुकाबले ज्यादा अच्छे तरीके से तैयार हैं... मुझे लगता है कि इसका असर बहुत अधिक नहीं होगा। यदि कुछ असर होता भी है, तो मुझे लगता है कि हम इससे निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं।

चिदंबरम फेडरल रिजर्व द्वारा बांड खरीद में कटौती की घोषणा पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने जनवरी से बांड की मासिक खरीद 85 अरब डॉलर से घटाकर 75 अरब डॉलर कर दी है।

अमेरिकी फेडरल की बुधवार रात की गई घोषणा के बाद बंबई शेयर बाजार का प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स गुरुवार को 151 अंक गिरकर बंद हुआ। रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे घटकर 62.14 पर बंद हुआ। अपराह्न के कारोबार में यह डॉलर के मुकाबले 62.25 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था।

चिदंबरम ने कहा कि सरकार का मानना है कि बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों को पहले से मानकर चल रहे थे, इसलिए इन हल्के बदलावों से उन्हें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

लेखक NDTV Profit Desk
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