पीएफ (PF) खाते से घर खरीदने, EMI पेमेंट के लिए रकम निकासी : लेकिन ये शर्तें लागू...

ईपीएफ (EPF) अंशधारकों के लिए ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) का हालिया नोटिफिकेशन बेहद काम का है. लेकिन, बता दें कि इसमें कुछ शर्तें लागू हैं. ईपीएफओ की ग्रुप हाउसिंग स्कीम के तहत जारी इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, ईपीएफ खाते से मकान खरीदने के लिये अग्रिम भुगतान (डाउन पेमेंट) और ईएमआई (EMI) का भुगतान कर सकते हैं. इसके लिए 90 प्रतिशत निकाल सकते हैं.

पीएफ (PF) खाते से घर खरीदने, EMI पेमेंट के लिए रकम निकासी : लेकिन ये शर्तें लागू... (प्रतीकात्मक फोटो)

ईपीएफ (EPF) अंशधारकों के लिए ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) का हालिया नोटिफिकेशन बेहद काम का है. लेकिन, बता दें कि इसमें कुछ शर्तें लागू हैं. ईपीएफओ की ग्रुप हाउसिंग स्कीम  के तहत जारी इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, ईपीएफ खाते से मकान खरीदने के लिये अग्रिम भुगतान (डाउन पेमेंट) और ईएमआई (EMI) का भुगतान कर सकते हैं. इसके लिए 90 प्रतिशत निकाल सकते हैं.

लेकिन, यहां ध्यान दें कि पीएफ खाते से निकासी सुविधा उन्हीं सदस्यों के लिये उपलब्ध होगी जो निर्धारित शर्तों को पूरा करते हों. अगर सदस्य इस नए नियम के तहत आवेदन करता है तो इसके लिये जरूर है कि उसने कम से कम तीन साल कोष में योगदान किया हो. साथ ही, यह सुविधा किसी सदस्य को उसके जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही मिल सकेगी. यानी, ऐसा नहीं है कि आप दो या इससे अधिक बार इस नियम का उपयोग कर पाएंगे.

एक अन्य जरूरी बात यह है कि नये प्रावधान के तहत ईपीएफ अंशधारक कम से कम 10 सदस्यों वाले सहकारी या हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य के रूप में मकान खरीदने या फिर मकान बनवाने और प्लॉट खरीदने के लिये अपनी राशि में से 90 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं.

नए नियम के मुताबिक, सिर्फ वे सदस्य ही इस सुविधा के लिए आवेदन कर सकेंगे जिनके खाते में कम से कम 20 हजार रुपये हों. अगर पति-पत्नी दोनों ईपीएफ सदस्य हैं तो दोनों के खातों में मिलाकर कम से कम 20 हजार रुपये होने चाहिए.

न्यूज एजेंसियों से बातचीत में वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में नया पैराग्राफ 68 बीडी जोड़ा है ताकि अंशधारक मकान खरीदने के लिये ईपीएफ खाते से डाउन पेमेंट कर सके और ईएमआई का भुगतान कर सके. इस अधिकारी ने कहा कि चूंकि श्रम मंत्रालय ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है, ऐसे में योजना में संशोधन हो गया है. इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि बकाये राशि या ब्याज के भुगतान के लिये मासिक किस्त का भुगतान राशि से संबंधित बैंक या अन्य कर्ज देने वाली एजेंसी को की जा सकती है.

(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट)

लेखक NDTV Profit Desk
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