संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की पुनरुद्धार योजना के अधर में लटकने के बीच कंपनी के प्रमुख ऋणदाता स्टेट बैंक ने कहा कि पखवाड़े भर में बैंकों की बैठक होगी और धन वसूली की भावी प्रक्रिया तय करेंगे, जबकि विमानन कंपनी के अध्यक्ष विजय माल्या ने अपनी योजना के बारे में आश्वस्त करने के लिए शनिवार को कर्मचारियों से मुलाकात की।
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष प्रतीप चौधरी ने कहा, बैंकों की अगले 15 दिन में बैठक होगी। परिसमापन या बैंक जो भी तय करते हैं, उस पर तभी सहमति बनेगी, जबकि कंपनी के पास विश्वसनीय योजना हो। किंगफिशर ने पिछले साल जनवरी से एसबीआई के 1,600 करोड़ रुपए के ऋण का ब्याज नहीं चुकाया है।
इससे पहले, माल्या ने कर्मचारियों से मुलाकात की। किंगफिशर कर्मचारियों ने कंपनी को बंद करने की अपील करने के लिए न्यायालय जाने की धमकी दी थी। समझा जाता है कि माल्या ने उनसे कहा कि वह बैंकों और नियामक डीजीसीए से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि विमानन कंपनी को फिर से शुरू किया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, माल्या ने कर्मचारियों की 10 महीने से बकाया तनख्वाह अदा करने के संबंध में किसी तरह की प्रतिबद्धता नहीं जताई और कहा कि वह कंपनी का परिचालन दोबारा शुरू करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। दिवालियापन के कागार पर पहुंच चुकी किंगफिशर के विमान पिछले साल अक्टूबर से ही खड़े हैं और तब से माल्या की अपने कर्मचारियों के साथ यह पहली मुलाकात है। अभी तक कर्मचारियों की अशांति एवं अन्य मुद्दे किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल संभाल रहे थे।
सूत्रों ने कहा कि मल्या डीजीसीए और 17 बैंकों के समूह से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इन बैंकों का किंगफिशर पर 7,000 करोड़ रुपये बकाया है। गौरतलब है कि बैंकों का समूह 12 फरवरी को बैठक कर रहा है, जिसमें वसूली की कार्रवाई पर निर्णय किए जाने की संभावना है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने भी कहा है कि वह प्रबंधन के खोखले वादों पर भरोसा नहीं करेगा और डीजीसीए द्वारा कंपनी को उड़ान की अनुमति देने से पहले बकाए का भुगतान किया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि अगर कंपनी को ग्रीष्मकालीन सत्र के लिए परिचालन बहाल करना है, तो उसे इस महीने के अंत तक उड़ान का लाइसेंस किसी भी हालत में हासिल करना होगा।