One Nation, One Rate: देशभर में एक भाव पर बिकेगा सोना, पूर्वी भारत से होगी 'समान गोल्‍ड रेट' की शुरुआत! क्‍या फायदे होंगे?

हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में सोने और चांदी पर आयात शुल्क 15% से घटाकर 6% करने की घोषणा की और सर्राफा बाजार पर इसका असर भी पड़ा.

Source: NDTV Profit Gfx

हम भारतीयों के जीवन में सोने का विशेष स्थान है. सोना हमारे लिए सिर्फ एक आभूषण नहीं है, बल्कि एक निवेश भी है, जीवन भर की जमा पूंजी भी है, जो बुरे दौर में संकटमोचन बनता है. सोने में निवेश करते समय एक बड़ी दिक्‍कत होती है, इसके भाव को लेकर.

खबर आई, सोने के भाव 4,000 रुपये तक गिरे और जब खरीदने बाजार गए तो रेट कुछ ज्‍यादा ही बताया गया. इसी समस्‍या का समाधान है- वन नेशन, वन रेट नीति (One Nation, One Rate Policy). ज्‍वैलरी इंडस्‍ट्री ने इसकी तैयारी कर ली है और जल्‍द इसकी शुरुआत होगी.

हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में सोने और चांदी पर आयात शुल्क 15% से घटाकर 6% करने की घोषणा की और सर्राफा बाजार पर इसका असर भी पड़ा. देशभर में गोल्‍ड के भाव गिरे और अभी ये और भी सस्‍ता होने की संभावना है.

'वन नेशन, वन रेट' पर क्‍या है तैयारी?

सोने की कीमत में पारदर्शिता लाने के लिए देशभर में सोने का एक ही रेट (ONOR) करने की कोशिश की जा रही है.

NDTV मराठी की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार इस संबंध में वन नेशन, वन गोल्ड रेट पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है.

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, गोल्‍ड ज्‍वैलरी इंडस्‍ट्री अपनी ओर से इसकी तैयारी कर ली है.

जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल (Gem and Jewellery Council of India) ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है और जल्‍द ही इस पर निर्णय लेने की संभावना है.

पूर्वी भारत से होगी शुरुआत

गोल्ड ज्वैलरी इंडस्ट्री जिस 'एक राष्ट्र, एक दर' नीति की वकालत कर रही है, उसकी शुरुआत अगस्त से पूर्वी भारत के लिए होगी. सेव गोल्ड क्राफ्ट कमिटी के चेयरमैन समर कुमार डे ने कहा कि सभी स्टेकहोल्डर्स ने देश भर में एक समान सोने की दर के विचार में रुचि दिखाई है_

उन्‍होंने कहा, 'हम अगस्त से बंगाल और पूर्वी भारत के लिए एकल दर की शुरुआत करेंगे. इस पहल में हमने सर्राफा विक्रेताओं को भी शामिल कर लिया है.'

जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल (GJC) के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा, ' इसका मकसद सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना है.

GJC की ओर से 'वन नेशन वन रेट' पर सफल पैनल डिस्‍कशन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. इस एकीकृत दृष्टिकोण से व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदे होंगे, जो सर्राफा बाजार में निष्पक्षता और दक्षता के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगा.
जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल (Gem and Jewellery Council of India)

सोने के भाव अलग-अलग क्‍यों?

दरअसल सोने का भाव कई फैक्‍टर पर निर्भर करता है, इसलिए देश के अलग-अलग शहरों में भाव अलग-अलग होते हैं. स्थानीय परिस्थितियां और बाजार के रुझान सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं.

स्‍थानीय बाजारों में गोल्‍ड डिमांड, लेबर चार्ज, राज्‍य सरकार की नीतियों, टैक्‍स जैसे कई वजहों से सोने की दरें शहर-दर-शहर और राज्य में भिन्न होती हैं.

कम टैक्‍स-चार्जेस और हाई डिमांड वाले बाजारों में गोल्‍ड के रेट कम हैं, जबकि हाई टैक्‍स-चार्जेस और कम डिमांड वाले बाजारों में गोल्‍ड के रेट ज्‍यादा हैं. वन नेशन, वन रेट पॉलिसी लागू होने पर हर जगह एक रेट पर सोना मिलेगा.

GJC india

ONOR से क्या-क्या फायदे होंगे?

GST, हॉलमार्क जैसे उपायों से ज्वैलरी इंडस्ट्री ज्यादा पारदर्शी हो रही है. इन उपायों का मकसद उपभोक्ताओं को सोना खरीदने में धोखाधड़ी से बचाना है. देशभर में एक समान टैरिफ को इन उपायों का अगला कदम माना जा रहा है.

  • फिलहाल देशभर में सोने की कीमतें अलग-अलग हैं. हर शहर में सोने के रेट अलग-अलग होने से उपभोक्ताओं में असमंजस का माहौल रहता है. नई नीति इस भ्रम को दूर कर देगी.

  • 'एक देश, एक दर' नीति लागू होने से सर्राफा बाजार में अनिश्चितता कम होगी. जैसे ही सोने की कीमत स्थिर हो जाती है, ग्राहक विश्वास के साथ सोना खरीद सकते हैं.

  • पूरे देश में एक दर लागू होने से निवेशकों के बीच विश्वास का माहौल बनेगा. इससे सोने के बाजार में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेश बढ़ेगा. उम्मीद है कि इससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को फायदा होगा और सोने की कीमतों में और गिरावट आएगी.

  • इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के लोगों ने कहा कि शुल्क में भारी कटौती से स्मगलिंग को भी खत्म करने में मदद मिलेगी.

इंडस्ट्री सोर्सेज के मुताबिक, एक कंसर्न इस बात को लेकर भी है कि क्या सरकार के पास सोने से संबंधित GST के संबंध में कोई अन्य योजना है. GJC ने GST काउंसिल से आभूषणों पर टैक्स की दर मौजूदा 3% से घटाकर 1% करने की अपील की है.

(Sources: Bloomberg, NDTV Network, PTI, Gem and Jewellery Council of India)

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