CLSA के मुताबिक पेट्रोल और डीजल के दाम 5 अक्टूबर के बाद घट सकते हैं. इससे पहले चुनावों के चक्कर में मार्च 2024 में दाम घटे थे. पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती की ये अटकलें भारत के तेल सचिव, पंकज जैन की टिप्पणियों की वजह से लगाई जा रही हैं, जिसमें पिछले महीने उन्होंने कीमतों में गिरावट का सुझाव दिया गया था.
साथ ही मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि महाराष्ट्र के राज्य चुनाव नवंबर की शुरुआत में होने की उम्मीद है, अंतिम डे़ट अक्टूबर के बीच में घोषित होने की संभावना है.
CLSA का कहना है कि महाराष्ट्र में चुनाव से पहले BJP के नेतृत्व वाला गठबंधन ईंधन की कीमतों को कम करने पर विचार कर सकता है.
एक्साइज ड्यूटी में तेजी
CLSA का ये भी मानना है कि सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के साथ-साथ फ्यूल की कीमतों में कटौती भी कर सकती है. एक्साइज ड्यूटी एक प्रकार का इनडायरेक्ट टैक्स है जो देश के मैन्युफैक्चरर या प्रोडक्शन पर लगाया जाता है. पेट्रोल और डीजल में, एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार द्वारा भारत के भीतर इन ईंधनों के प्रोडक्शन या बिक्री पर लगाया जाने वाला टैक्स है.
वर्तमान में केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर 19.8 रुपये और 15.8 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी लगाती है. ये शुल्क 2021 में अपने चरम स्तरों की तुलना में 40% और 50% कम हैं. इस शुल्क में पिछली बार कटौती की गई थी जब तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर थीं.
भारत सरकार को फायदा
एक्साइज ड्यूटी में संभावित तेजी भारत सरकार के लिए बहुत सकारात्मक है. CLSA के अनुसार, डीजल और पेट्रोल पर प्रत्येक 1 रुपये की शुल्क वृद्धि से 16500 करोड़ रुपये और 5600 करोड़ रुपये का सालाना कलेक्शन होगा.
कंपनियों पर क्या होगा असर
सितंबर की शुरुआत में तेल की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई, जो इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसी तेल कंपनियों के लिए सकारात्मक रही. CLSA के अनुसार, कंपनियों का मार्केटिंग मार्जिन डीजल के लिए 13 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल के लिए 10 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है. लेकिन ब्रोकरेज ने सावधानी बरतने को कहा है, एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी के साथ संभावित रिटेल ईंधन की कीमतों में कटौती इन तेल कंपनियों को कमजोर बनाती है.
मान लीजिए कि सरकार डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 1 रुपये प्रति लीटर की कटौती करती है, साथ ही एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि होती है, तो तेल की कीमतों में मौजूदा 75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से 80-85 डॉलर से ऊपर की कोई भी वृद्धि, कंपनियों की कीमतों को तय करने की आजादी को सीमित कर सकती है.
CNG पर एक नजर
वर्तमान में CNG की कीमतें पेट्रोल और डीजल के मुकाबले कम हैं. अगर पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होती है, तो CNG की कीमतें अभी भी अन्य ईंधन के मुकाबले 25% की छूट पर होंगी. CLSA का कहना है कि इससे इंद्रप्रस्थ गैस और महानगर गैस जैसी सिटी गैस वितरण कंपनियों के भविष्य प्रभावित नहीं होंगे.
हालांकि, 5 रुपये प्रति लीटर से ऊपर की कीमत में कटौती से कंपनियों की प्राइसिंग पावर कम होगी. इस स्तर से ऊपर कटौती करने पर पेट्रोल और डीजल की तुलना में CNG की छूट लगभग 20% हो जाएगी, जो इंद्रप्रस्थ गैस और महानगर गैस के लिए नकारात्मक है.