स्मॉल व मिड कैप का वैल्यूएशन हाई और मार्जिन का भी भरोसा नहीं: विनोद कर्की, ICICI सिक्योरिटीज

बीते 12 महीने में, BSE स्मॉल कैप इंडेक्स ने 65% का उछाल देखा है और मिडकैप इंडेक्स में भी 62% की बढ़त रही है.

Source: NDTV Profit

स्मॉल कैप और मिड कैप में इतनी ज्यादा पॉजिटिव रैली आ गई है कि अभी खरीदने पर सेफ्टी नजर नहीं आती. ऐसा मानना है ICICI सिक्योरिटीज के विनोद कार्की (Vinod Karki) का.

NDTV Profit को दिए इंटरव्यू में कार्की ने कहा, '2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के बाद से ही मिड कैप और स्मॉल कैप में अच्छी तेजी आई है'.

उस समय स्मॉल और मिड कैप में शानदार तेजी देखने को मिली थी. इसके चलते शेयर बहुत महंगे हो गए और उनकी तुलना लार्ज कैप शेयरों से की जाने लगी. आखिरकार ये बुलबुला 2018 में फूटा. कार्की कहते हैं, 'अगर लगातार ग्रोथ होती रहे, तो इनके वैल्यूएशन काफी समय तक बने रह सकते हैं'.

16 फरवरी को जारी किए ICICI सिक्योरिटीज के नोट के मुताबिक, भारतीय शेयर बाजार में स्मॉल कैप और मिड कैप में ये तेजी इक्विटी सेगमेंट के लिए चिंता का विषय बन सकती है और लार्ज कैप से मिलने वाले रिटर्न्स को प्रभावित कर सकती है.

बीते 12 महीने में, BSE स्मॉल कैप इंडेक्स ने 65% का उछाल देखा है और मिडकैप इंडेक्स में भी 62% की बढ़त रही है. कार्की ने कहा, पहले के मुकाबले इस बार ग्रोथ ज्यादा सपोर्टिव नजर आ रही है.

मार्केट में हमेशा 2 चीजों पर बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए, ग्रोथ और वैल्यूएशन.

जब भी वैल्यूएशन की बात आती है, तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि वैल्यूएशन थोड़ा सा महंगा नजर आता है. लेकिन जब भी आप लॉन्ग टर्म के लिहाज से देखें, तो स्थिर ग्रोथ भी प्रॉफिट को शानदार लेवल तक लेकर जाती है.

मौजूदा वैल्यूएशन बहुत ऊंचे स्तर पर हैं, ये तभी नजर आते हैं जब ग्रोथ बहुत अच्छी हो रही हो. ग्रोथ निश्चित रूप से अच्छी है, लेकिन निवेशकों के पाले में वैल्यूएशन के लिहाज से ज्यादा कुछ है नहीं.

चुनाव के पहले तक बाजार

कार्की मानते हैं कि बाजार को आने वाले चुनावों को लेकर एक ही अनुमान है, कि मौजूदा पार्टी ही चुनाव जीतेगी. ये भरोसा ही बाजार को ऊपर ले जा रहा है.

विनोद कार्की के मुताबिक, 'बाजार तब देखने लायक होगा जब चुनावों के नतीजे वो नहीं आते, जैसा कि अनुमान है'.

अवसरों के मौके हजार

कार्की के मुताबिक, निवेशकों को रियल एस्टेट साइकिल में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करनी चाहिए और उन पर इन्वेस्ट करना चाहिए जो कंपनियां और लेंडर्स इनमें निवेशित हैं. मौजूदा वैल्यूएशन पर कई सारे अवसर छिपे हुए हैं.

साइक्लिकल आधार पर कार्की को बैंकिंग सेक्टर में बड़े बैंकों पर भरोसा नजर आता है.

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