Gopal Snacks IPO: निवेश करें या नहीं? क्या कहता है वैल्यूएशन?

Gopal Snacks IPO बुधवार को खुला और 11 मार्च को बंद हो जाएगा. कंपनी ने शेयर का प्राइस बैंड 381-401 रुपये/शेयर का रखा है.

Source: NDTV Profit हिंदी

गोपाल स्नैक्स का IPO रिटेल निवेशकों के लिए खुल गया है. कंपनी IPO के जरिए कुल 650 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.

बुधवार को खुला IPO 8 मार्च को बंद हो जाएगा. कंपनी ने शेयर का प्राइस बैंड 381-401 रुपये/शेयर का रखा है.

ये IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है, जिसमें कंपनी के प्रोमोटर्स अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. IPO से आने वाला पैसा पूरी तरह से प्रोमोटर्स के पास जाएगा.

OFS में बिपिनभाई विट्ठलभाई हडवानी की ओर से 100 करोड़ रुपये तक, गोपाल एग्रीप्रोडक्ट्स(प्रोमोटर्स) की ओर से 540 करोड़ रुपये तक, और हर्ष सुरेशकुमार शाह की ओर से 10 करोड़ रुपये तक शामिल हैं.

वैल्यूएशन मैट्रिक्स

अपर प्राइस बैंड पर कंपनी का PE रेशियो 44 गुना है. इसके हिसाब से कंपनी का कुल मार्केट कैप 4,9997 करोड़ रुपये बनता है.

सब्सक्राइब करें या नहीं?

रिलायंस सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स के मुताबिक, कंपनी मार्केट की समझ रखती है, कंपनी के पास मैन्युफैक्चरिंग के वर्टिकल्स हैं, लॉजिस्टिक्स का बेहतर इंटिग्रेशन है और मजबूत इंडस्ट्री ग्रोथ के चलते आने वाले सालों में कंपनी कई गुना मुनाफा दे सकती है.

कंपनी गठिया, वेफर्स, स्नैक्स और स्नैक्स पैलेट्स बनाती है. कंपनी के पास स्टॉक को रखने के लिए 276 यूनिट्स हैं और सभी कैटेगरी को मिलाकर कुल 84 प्रोडक्ट्स हैं.

FY23 में कंपनी की कुल आय 1,394.5 करोड़ रुपये रही थी. वहीं, FY22 में कंपनी को 1,352 करोड़ रुपये का मुनाफा रहा था. कंपनी का मुनाफा FY22 में 41.5 करोड़ रुपये के मुकाबले FY23 में 112 करोड़ रुपये रहा था.

एम के ग्लोबल की ओर से 25 फरवरी को जारी किए गए नोट के मुताबिक, 'गोपाल स्नैक्स पूरे देश में मौजूद है. FY23 में भारत का स्नैक्स पोर्टफोलियो करीब 79,600 करोड़ रुपये का था, जिसमें फ्रॉस्ट एंड सुलिवन रिपोर्ट के मुताबिक FY23-27 के बीच 11% CAGR ग्रोथ का अनुमान है. '

बीते कुछ समय में बिजनेस में आने वाले स्लोडाउन को लेकर चिंता है. 2022 में कंपनी के कुछ प्रोमोटर्स के कंपनी से विदा लेने के बाद ये स्लोडाउन आया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, 'कंपनी अपनी सेल्स टीम को फिर से तैयार कर रही है. कंपनी के पास अच्छा मार्जिन है, समय से ज्यादा क्षमता है, बैकवर्ड प्रोडक्शन इंटिग्रेशन है, लॉजिस्टिक्स की क्षमता है और रिटर्न्स का हेल्दी प्रोफाइल है. इसके चलते कंपनी का फाइनेंशियल आउटकम बेहतर हो सकता है'.

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