Hyundai India IPO: भारत के सबसे बड़े IPO में कौन कितना निवेश कर सकता है?

ह्युंदई मोटर्स इंडिया का IPO 15 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा. भारत में अब तक के सबसे बड़े IPO से कंपनी ने 3.3 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बनाई है.

Source : Company Website/Canva

ह्युंदई मोटर्स इंडिया (Hyundai Motors India) का IPO 15 अक्टूबर को खुलेगा. भारत में अब तक के सबसे बड़े IPO के तहत कंपनी ने इस इश्यू से 3.3 बिलियन डॉलर तक जुटाएगी.

IPO का प्राइस बैंड 1,865-1,960 रुपये/शेयर तय किया गया है. इसमें चार तरह के निवेशक बोली लगा सकते हैं.

कंपनी इस IPO के 50% शेयरों को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) को अलॉट करेगी, जबकि 15% शेयर नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) को आवंटित किए जाएंगे, इसमें इन्वेस्टर्स की 2 कैटेगरीज हैं- छोटे HNIs जो 2 से 10 लाख रुपये के बीच में बोली लगा सकेंगे. जबकि दूसरी कैटेगरी बड़े HNIs की है जो 10 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश कर सकेंगे. फिर 35% हिस्सा रिटेल निवेशकों के सब्सक्रिप्शन के लिए रखा गया है.

इस IPO में कुल मिलाकर अहम एक्टर्स हैं

1) फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs)

2) म्यूचुअल फंड्स

3) HNIs (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल्स)

4) रिटेल इन्वेस्टर्स

फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स

इश्यू का कुल 37.5% हिस्सा FPIs के सब्सक्रिप्शन के लिए रखा है. कुल रकम 10,451 करोड़ रुपये बैठती है.

म्यूचुअल फंड्स

घरेलू निवेशक ह्युंदई इंडिया के IPO में बड़ी भूमिका निभाएंगे. म्यूचुअल फंड्स इश्यू में कम से कम 12.5% का निवेश कर सकते हैं, ये रकम 3,484 करोड़ रुपये है.

रिटेल निवेशक

IPO में 35% इश्यू रिटेल कैटेगरी के लिए रिजर्व है. कंपनी इन्हें शेयर बेचकर 9,755 करोड़ रुपये जुटाएगी. इसका मतलब हुआ कि इस हिस्से के पूरे सब्सक्रिप्शन के लिए 4.87 लाख रिटेल एप्लिकेशंस की जरूरत होगी. बाजार का अनुमान है कि रिटेल निवेशकों का हिस्सा अंडरसब्सक्राइब्ड रह सकता है.

नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स

इस कैटेगरी के लिए 15% इश्यू को रिजर्व रखा गया है. इस कैटेगरी को भी 2 सब-कैटेगरीज में बांटा गया है. एक तरफ छोटे-NII हैं, जो 2 से 10 लाख रुपये के बीच निवेश कर सकते हैं, दूसरी तरफ बड़े-NII हैं, जो 10 लाख रुपये से ज्यादा निवेश कर सकते हैं.

इसकी बहुत संभावना है कि ह्युंदई इंडिया IPO में रिटेल का हिस्सा अंडसब्सक्राइब्ड रह जाए. ऐसा इसलिए है क्योंकि हो सकता है कि रिटेल निवेशक इस कैटेगरी के लिए सभी 14 लॉट का सब्सक्रिप्शन ना करें.

ऐसे में छोटे-NII कैटेगरी के निवेशकर इस मौके का फायदा उठाने के लिए रिटेल कैटेगरी में सभी 14 लॉट्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं, ताकि शेयर अलॉटमेंट की संभावना बढ़ जाए.

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