ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी की शेयर बाजार में एंट्री अच्छी रही है. BSE पर इसके शेयर 5.6 % प्रीमियम के साथ 412 रुपये पर लिस्ट हुए, जबकि NSE पर इसकी लिस्टिंग 7.7% प्रीमियम के साथ 420 रुपये प्रति शेयर पर हुई. इसका इश्यू प्राइस 390 रुपये था.
3.59 गुना भरा था इश्यू
6-8 नवंबर के दौरान खुला ये इश्यू पहले दिन सिर्फ 12% ही भरा था, हालांकि अपने आखिरी दिन संस्थागत निवेशकों की खरीदारी की वजह से ये 3.59 गुना भरकर बंद हुआ. स्विगी के 11,327.4 करोड़ रुपये के IPO में 4,499 करोड़ रुपये मूल्य के 11.5 करोड़ नए शेयर जारी हुए, जबकि 6,828.4 करोड़ रुपये के 17.5 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल शामिल था.
फूड डिलिवरी कंपनी ने घरेलू निवेशकों की बड़ी भागीदारी के साथ, फिडेलिटी और ब्लैकरॉक सहित हाई-प्रोफाइल एंकर निवेशकों को 13.03 करोड़ शेयर आवंटित करके 5,085 करोड़ रुपये जुटाए हैं. जिन निवेशकों को शेयर अलॉट किए गये हैं, उनमें न्यू वर्ल्ड फंड, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल, नोमुरा फंड्स आयरलैंड, फिडेलिटी फंड्स, ब्लैकरॉक, आलियांज ग्लोबल इन्वेस्टर्स फंड और श्रोडर इंटरनेशनल शामिल हैं.
कहां होगा पैसों का इस्तेमाल?
इश्यू से जुटाए गए पैसे के इस्तेमाल की बात करें तो स्विगी करीब 982 करोड़ रुपये से अपनी सब्सिडियरी Scootsy में निवेश करेगी और अपनी क्विक कॉमर्स सब्सिडियरी इंस्टामार्ट के लिए डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार करेगी.
टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में कंपनी 586 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके अलावा कंपनी ब्रैंड मार्केटिंग और बिजनेस प्रोमोशन में 929 करोड़ रुपये लगाएगी. कंपनी करीब 137 करोड़ रुपये कर्ज घटाने के लिए खर्च करेगी.
कंपनी को जानिए
स्विगी की शुरुआत साल 2014 में हुई थी. कंपनी के प्लेटफॉर्म पर देशभर के 1,50,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट्स हैं. कंपनी फूड डिलीवरी के अलावा क्विक कॉमर्स के बिजनेस में भी है. क्विक कॉमर्स का बिजनेस वो इंस्टामार्ट के नाम से करती है. क्विक कॉमर्स या ग्रॉसरी का ई-कॉमर्स बिजनेस दिन प्रतिदिन ज्यादा कंपटीटिव होता जा रहा है.
फूड डिलीवरी में तो कंपनी का मुख्य मुकाबला जोमैटो से है, मगर इंस्टामार्ट के बिजनेस में उसका मुकाबला जोमैटो की सब्सिडियरी ब्लिंकिट और जेप्टो से है. इसके अलावा अमेजॉन, टाटा ग्रुप के बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट से भी कंपनी का कंपिटीशन है.