फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी स्विगी का IPO आज से खुल गया है. स्विगी को निवेशकों से ठंडा रिस्पॉन्स मिला है. कंपनी का IPO पहले दिन शाम 5 बजे तक सिर्फ 12% भरा है. रिटेल की बात करें तो रिटेल 0.53 गुना सब्सक्राइब हुआ है और NII 0.06 गुना भरा है.
इसमें 8 नवंबर तक पैसा लगा सकते हैं. इस IPO के जरिए स्विगी 11,327.4 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. IPO में 4,499 करोड़ रुपये के 11.54 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे और 6,828.4 करोड़ रुपये मूल्य के 17.51 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल होगा. 6 नवंबर को सुबह 5:03 बजे तक स्विगी का ग्रे मार्केट प्रीमियम 12 रुपये था.
स्विगी IPO अपडेट
ओवरऑल सब्सक्रिप्शन: 0.12 गुना
रिटेल सब्सक्रिप्शन: 0.53 गुना
NII सब्सक्रिप्शन: 0.06 गुना
प्राइस बैंड
इसके IPO का प्राइस बैंड 371 से 390 रुपये के बीच है. इसका लॉट साइज 38 शेयरों का है, इससे रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश की रकम 14,820 रुपये होगी. गैर-संस्थागत निवेशकों या NII के लिए, न्यूनतम निवेश 2,07,480 रुपये पर 14 लॉट (532 शेयर) है. बड़े NIIs को कम से कम 68 लॉट (2,584 शेयर) के लिए आवेदन करना होगा, जिससे निवेश की रकम 10,07,760 रुपये होगी.
अपर प्राइस बैंड पर स्विगी की वैल्यूएशन करीब 11.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 95 हजार करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा बैठती है.
एंकर निवेशकों से जुटाए 5,085 करोड़ रुपये
एंकर निवेशकों के लिए ये IPO एक दिन पहले 5 नवंबर को खुला था, जिससे कंपनी ने 5,085 करोड़ रुपये जुटाए हैं. जिन निवेशकों को शेयर अलॉट किए गये हैं, उनमें न्यू वर्ल्ड फंड, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल, नोमुरा फंड्स आयरलैंड, फिडेलिटी फंड्स, ब्लैकरॉक, आलियांज ग्लोबल इन्वेस्टर्स फंड और श्रोडर इंटरनेशनल शामिल हैं.
कहां होगा पैसों का इस्तेमाल?
इश्यू से जुटाए गए पैसे के इस्तेमाल की बात करें तो स्विगी करीब 982 करोड़ रुपये से अपनी सब्सिडियरी Scootsy में निवेश करेगी और अपनी क्विक कॉमर्स सब्सिडियरी इंस्टामार्ट के लिए डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार करेगी.
टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में कंपनी 586 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके अलावा कंपनी ब्रैंड मार्केटिंग और बिजनेस प्रोमोशन में 929 करोड़ रुपये लगाएगी. कंपनी करीब 137 करोड़ रुपये कर्ज घटाने के लिए खर्च करेगी.
कंपनी को जानिए
स्विगी की शुरुआत साल 2014 में हुई थी. कंपनी के प्लेटफॉर्म पर देशभर के 1,50,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट्स हैं. कंपनी फूड डिलीवरी के अलावा क्विक कॉमर्स के बिजनेस में भी है. क्विक कॉमर्स का बिजनेस वो इंस्टामार्ट के नाम से करती है. क्विक कॉमर्स या ग्रॉसरी का ई-कॉमर्स बिजनेस दिन प्रतिदिन ज्यादा कंपटीटिव होता जा रहा है.
फूड डिलीवरी में तो कंपनी का मुख्य मुकाबला जोमैटो से है, मगर इंस्टामार्ट के बिजनेस में उसका मुकाबला जोमैटो की सब्सिडियरी ब्लिंकिट और जेप्टो से है. इसके अलावा अमेजॉन, टाटा ग्रुप के बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट से भी कंपनी का कंपटीशन है.