टायर बनाने वाली कंपनी टॉलिन्स टायर्स की शेयर मार्केट में एकदम फ्लैट लिस्टिंग हुई है. NSE पर इसके शेयर इश्यू प्राइस 226 रुपये से 0.88% प्रीमियम के साथ 228 रुपये पर लिस्ट हुए. वहीं BSE पर 0.44% प्रीमियम के साथ कंपनी के शेयर 227 रुपये पर लिस्ट हुए.
कंपनी के 230 करोड़ रुपये के इस IPO को निवेशकों से अच्छा रेस्पॉन्स मिला था, लेकिन लिस्टिंग ने निराश किया. IPO को 23.89 गुना सब्सक्राइब किया गया था. इसमें रिटेल इन्वेस्टर्स का हिस्सा 21.52 गुना सब्सक्राइब हुआ. वहीं NII पॉर्शन को 27.41 गुना और QIB पॉर्शन को 25.42 गुना सब्सक्राइब किया गया था.
फ्लैट लिस्टिंग से निवेशकों को निराशा हाथ लगी. हालांकि उन्हें थोड़ी देर बाद सांत्वना मिली, जब शेयर में करीब 6% का उछाल देखा गया.
कहां-कहां काम आएगा पैसा?
IPO के जरिए जुटाए गए पैसों में से 75 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी की जरूरतों को पूरा करने के लिए लॉन्ग टर्म वर्किंग कैपिटल के तौर पर किया जाएगा. 62.55 करोड़ का इस्तेमाल कर्जों को चुकाने लिए और 24.36 करोड़ रुपये का इस्तेमाल सब्सिडियरी कंपनी टॉलिन रबर्स प्राइवेट लिमिटेड में निवेश और वर्किंग कैपिटल के तौर पर किया जाएगा.
UAE में भी प्लांट, 40+ देशों में एक्सपोर्ट
टॉलिन्स टायर्स एक टायर बनाने वाली कंपनी है, जो हल्के कमर्शियल वाहनों, कृषि से जुड़े वाहनों, और 2-3 व्हीलर्स गाडडियों के लिए टायर बनाती है. ये बॉन्डिंग गम, वल्केनाइजिंग सॉल्यूशन, टायर फ्लैप और ट्यूब से सहायक प्रोडक्ट भी बनाती है.
कंपनी अपने प्रॉडक्ट्स को 40 से भी ज्यादा देशों में निर्यात करती है जिसमें मिडिल ईस्ट, पूर्वी अफ्रीका, जॉर्डन, केन्या और मिस्र जैसे देश शामिल हैं.
कंपनी के तीन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं जिनमें से दो केरल के कलाडी और मट्टूर में तो वहीं तीसरा प्लांट संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमाह के अल हमरा में स्थित है.
मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगभग 8.99 एकड़ में फैला हुआ है, इसमें कच्चे माल से लेकर फाइनल प्रोडक्ट तक की प्रक्रियाओं में कई स्तरों पर डिजाइन, डेवलपमेंट, उत्पादन और गुणवत्ता परीक्षण शामिल हैं.
कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 227 करोड़ रुपये के रेवेन्यू की जानकारी दी जिसमें टायरों का योगदान 24% और ट्रेड रबर का 76% था.