टाटा कैपिटल IPO: अपर लेयर NBFC के पब्लिक इश्यू के ड्राफ्ट पेपर्स आखिरकार सार्वजनिक हुए

पब्लिक इश्यू से मिले पैसे का इस्तेमाल टियर-I पूंजी आधार को बढ़ाने के लिए किया जाए ताकि व्यवसाय के लिए "भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं, जिसमें आगे उधार देना भी शामिल है," को पूरा किया जा सके.

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टाटा कैपिटल को भारतीय बाजार रेगुलेटर यानी सेबी से शेयर बाजार में उतरने की मंजरी मिलने के एक महीने से कुछ ज्यादा समय में इस नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी ने सोमवार को अनिवार्य लिस्टिंग के लिए अपने अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल कर दिए हैं.

इस गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के IPO में टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड 23 करोड़ शेयर बेचेगी, जबकि इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन 3.58 करोड़ शेयर और बेचेगा. कंपनी नई पूंजी जुटाने के ज़रिए 21 करोड़ शेयर भी जारी करेगी.

NDTV प्रॉफिट ने पहले ही इस ऑफर के बारे में विस्तृत जानकारी दे दी थी.

वर्तमान में, टाटा संस के पास इस NBFC में पूरी तरह से डाइल्यूटेड आधार पर 88.6% हिस्सेदारी है, जबकि टाटा समूह की अन्य कंपनियों के पास 7% हिस्सेदारी है.

IFC के पास वर्तमान में कंपनी में 1.8% हिस्सेदारी के बराबर 7.16 करोड़ शेयर हैं.

IPO के पैसे का इस्तेमाल

टाटा कैपिटल का प्रस्ताव है कि नए पब्लिक इश्यू से प्राप्त राशि का उपयोग अपने टियर-I पूंजी आधार को बढ़ाने के लिए किया जाए ताकि व्यवसाय के विकास से उत्पन्न होने वाली "भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं, जिसमें आगे उधार देना भी शामिल है," को पूरा किया जा सके.

कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, BNP पारिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और HDFC बैंक लिमिटेड इस निर्गम के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं.

टाटा कैपिटल ने बाजार में अपनी शुरुआत से पहले कोई प्री-IPO प्लेसमेंट की योजना नहीं बनाई है.

IPO की राह

पिछले महीने, टाटा कैपिटल के बोर्ड ने राइट्स इश्यू के ज़रिए 1,752 करोड़ रुपये और बॉन्ड के ज़रिए 30,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंज़ूरी दी थी. इससे पहले, कंपनी ने फरवरी के अंत में राइट्स इश्यू के ज़रिए 1,500 करोड़ रुपये जुटाए थे. टाटा संस ने अपनी पूरी हिस्सेदारी खरीद ली, जबकि इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन सहित अन्य छोटे शेयरधारकों ने भी इसमें भाग लिया. कंपनी ने कहा कि वह इस राशि का इस्तेमाल आगे और उधार देने और अपने लेरवेज रेश्यो में सुधार के लिए करेगी.

NDTV प्रॉफ़िट ने पिछले महीने बताया था कि टाटा कैपिटल ने गोपनीय रूप से दायर किए गए ड्राफ्ट पेपर्स को देश के मार्केट रेगुलेटर ने मंजूरी दे दी है. टाटा समूह की वित्तीय सेवा शाखा लंबे समय से पब्लिक लिस्टिंग की तैयारी कर रही थी और टाटा मोटर्स फाइनेंस के साथ विलय के लिए NCLT की मंज़ूरी मिलने के बाद बाजार नियामक के पास प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल करने की योजना बना रही थी.

लिस्टिंग के बाद, टाटा कैपिटल सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली टाटा समूह की 17वीं कंपनी होगी. वित्तीय वर्ष 2025 के लिए, टाटा की वित्तीय सेवा शाखा ने 3,655 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 3,327 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि इसकी आय 18,175 करोड़ रुपये से बढ़कर 28,313 करोड़ रुपये हो गई है.

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