SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने NDTV Profit के साथ इंटरव्यू में कहा कि बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का भारत की अर्थव्यवस्था पर निवेश का चार गुना मल्टीप्लायर इफेक्ट हो सकता है. दूसरे शब्दों में अगर इंफ्रा पर 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश होता है तो इकोनॉमी को 4 लाख करोड़ रुपये का फायदा होता है. दिनेश खारा ने NDTV Profit के साथ इंटरव्यू में ये बातें कहीं.
बुधवार को तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग (First Cabinet Meeting) में मोदी सरकार (Modi Government) ने इंफ्रा से जुड़े बड़े फैसले लिए हैं.
महाराष्ट्र में वधावन पोर्ट के 76,200 करोड़ रुपये और गुजरात और तमिलनाडु में 1GW ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए 7,400 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही कैबिनेट ने वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की भी घोषणा की.
खारा ने बातचीत में कहा, 'कहना जरूरी नहीं है कि इससे इंडस्ट्री के सभी कोर सेक्टर्स को फायदा होगा, चाहे वो सीमेंट, स्टील या आयरन हो. इस सबसे ऊपर ये लॉजिस्टिक्स में तेजी लाएगा.'
खारा ने आगे कहा कि 'ऑफशोर विंड एनर्जी परियोजना से देश के तटों पर उपलब्ध अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलेगी. तटीय क्षेत्र को बड़ा लाभ होगा. अर्थव्यवस्था में पोर्ट और विंड एनर्जी की भारी मांग है. ये मांग कुछ ऐसी होगी जिससे ये प्रोजेक्ट कमर्शियल तौर पर भी सफल हो पाएंगे.'
क्या कहते है SBI लेंडिंग बुक के आंकडे
SBI को कॉरपोरेट लेंडिंग बुक में 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लोन को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा 31 मार्च तक SBI की कुल कॉरपोरेट लोन बुक 11.38 लाख करोड़ रुपये थी. इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का लोन बुक 3.94 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें बिजली सेक्टर का लोन 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जबकि सड़कों और पोर्ट का लोन 1.12 लाख करोड़ रुपये था.