नए एक्सपेंस नियमों से घट सकता है म्यूचुअल फंड कंपनियों का मुनाफा: जेफरीज

जेफरीज ने एक नोट में कहा है कि इससे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के मुनाफे में औसत 30% की गिरावट देखने को मिल सकती है. वहीं, पांच सबसे बड़ी कंपनियों के प्रॉफिट में 50% की गिरावट आ सकती है.

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मार्केट रेगुलेटर SEBI का म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा लिए जाने वाले एक्सपेंस को लेकर नियमों में बदलाव का प्रस्ताव है. ब्रोकरेज जेफरीज ने एक नोट में कहा है कि इससे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के मुनाफे में औसत 30% की गिरावट देखने को मिल सकती है. वहीं, पांच सबसे बड़ी कंपनियों के प्रॉफिट में 50% की गिरावट आ सकती है.

पिछले महीने आया था कंसल्टेशन पेपर

पिछले महीने, मार्केट रेगुलेटर ने टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) के लिए प्रस्तावित नए स्ट्रक्चर पर कंसल्टेशन पेपर जारी किया था. इससे एक्टिव तौर पर मैनेज्ड इक्विटी स्कीम्स के लिए चार्ज किए जाने वाला खर्च घट सकता है.

टोटल एक्सपेंस रेश्यो या TER म्यूचुअल फंड स्कीम की डेली नेट एसेट वैल्यू (NAV) का प्रतिशत होता है और इसमें वो सभी चार्जेज शामिल होते हैं, जिनका निवेशक म्यूचुअल फंड को भुगतान करता है.

बदलाव के बाद कैसे असर होगा?

मौजूदा समय में, अधिकतम चार्जेबल TER हर स्कीम में एसेट्स अंडर मैनेजमेंट पर आधारित होता है. लिमिट म्यूचुअल फंड स्कीम की कैटेगरी पर आधारित होती है. अगर प्रस्तावित बदलाव हो जाते हैं, तो सीमा AMC लेवल पर होगी और ये एक्टिवली मैनेज्ड इक्विटी फंड्स में कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट पर आधारित होगी.

मार्केट रेगुलेटर ने अभी अंतिम नियमों को नोटिफाई नहीं किया है. एक बार इनका ऐलान हो जाने के बाद, म्यूचुअल फंड्स के पास नए ढांचे को लागू करने के लिए छह महीने होंगे. मई के आखिर में, इक्विटी स्कीमों में एसेट अंडर मैनेजमेंट पर आधारित टॉप पांच म्यूचुअल फंड्स ये हैं- SBI म्यूचुअल फंड, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, HDFC म्यूचुअल फंड, निपॉन इंडिया MF और कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड. ये डेटा एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के मुताबिक है.

टॉप-5 म्यूचुअल फंड्स पर ज्यादा असर

जेफरीज ने नोट में कहा कि फंड्स के विश्लेषण से पता चलता है कि नियमों का टॉप-5 म्यूचुअल फंड्स पर ज्यादा असर होगा. ब्रोकरेज कंपनी के मुताबिक, टॉप 5 म्यूचुअल फंड्स के टोटल एक्सपेंस रेश्यो में 30 बेसिस प्वॉइंट्स की गिरावट आने का अनुमान है और अगले पांच म्यूचुअल फंड्स में 10 बेसिस प्वॉइंट्स की गिरावट दिखेगी.

छोटे AMCs ज्यादा TER चार्ज कर सकेंगे, लेकिन अगर बड़े AMCs कम चार्जेज को लेकर प्रचार करते हैं, तो ये सही नहीं होगा. हालांकि, एक घरेलू म्यूचुअल फंड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि क्योंकि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए बड़े तौर पर डिस्ट्रीब्यूटर्स पर निर्भर है, तो ज्यादा TER छोटे AMCs की स्कीम्स को बेचने को बढ़ावा दे सकते हैं.

जेफरीज ने कहा कि नए एक्सपेंस रेश्यो स्ट्रक्चर के साथ आर्बिट्रेज फंड्स नुकसान दे सकते हैं. उसने कहा कि कुछ असर वैल्यू चैन के साथ बोझ साझा करके कम हो सकता है.