SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा है कि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी AMFI को एक एथिक्स कमिटी बनानी चाहिए. मुंबई में एक इवेंट के दौरान उन्होंने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को लेकर कई अहम बातें कहीं.
उन्होंने कहा, 'AMFI को खराब आचरण के मामले में लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. AMFI स्वयं रेगुलेटरी संस्था नहीं है, लेकिन ऐसे काम कर सकती है. आज म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए सबसे बड़ा खतरा किसी व्यक्ति की ओर से होने वाला खराब आचरण है.'
'म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री खुद को रेगुलेट करे'
इसके अलावा SEBI की चेयरपर्सन ने कहा, 'जब व्यक्तिगत तौर पर खराब आचरण की बात आती है, तो म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को खुद को रेगुलेट करना चाहिए या SEBI को इसमें दखल देना होगा. अगर SEBI को किसी व्यक्ति की ओर से खराब आचरण की पुष्टि होती है, तो उसके पास कड़ी कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. '
TER का किया जिक्र
माधबी पुरी बुच ने कहा कि रेगुलेटर के तौर पर उनका मानना है कि निवेशकों के लिए बाजार में भाग लेने के लिए म्यूचुअल फंड पसंदीदा माध्यम है. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) पर नीति तैयार करते समय AMFI के साथ चर्चा करने से पहले पब्लिक कंसल्टेशन पेपर को शामिल किया गया था. TER एक म्यूचुअल फंड स्कीम की डेली नेट एसेट वैल्यू का प्रतिशत होता है. निवेशक जिस चार्ज का भुगतान म्यूचुअल फंड को करता है, वो इसमें शामिल होता है.
'पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा पर फोकस'
माधबी पुरी बुच ने आगे कहा कि AMFI की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में आपसी सहमति बनाने में बड़ी भूमिका है. SEBI, नीति बनाने में को-क्रिएशन के कॉन्सेप्ट में विश्वास रखता है. उन्होंने बताया कि रेगुलेटर के तौर पर, जिन सबसे ज्यादा अहम चीजों पर वे फोकस करते हैं, वो हैं पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा.