कौन हैं राजीव जैन? जिन्होंने अदाणी ग्रुप के शेयर खरीदकर शेयर बाजार में जान डाल दी

साल 2022 में जब सभी एसेट मैनेजर्स परेशान थे. बाजार औंधे मुंह गिरता जा रहा था लेकिन इस दौरान भी GQG पार्टनर्स ने खूब पैसा बनाया.

Rajiv Jain (Source: Company Website)

24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद मुसीबत में फंसे अदाणी ग्रुप (Adani Group) का साथ देने के लिए कोई तैयार नहीं था. इस रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयर अर्श से फर्श पर पहुंच गए थे. इन्वेस्टर्स को अपना निवेश डूबता हुआ नजर आ रहा था. लेकिन, अदाणी ग्रुप (Adani Group) के प्रोमोटर्स ने गुरुवार को सेकेंड्री मार्केट ट्रांजैक्शन के जरिए पैसे जुटाने की जानकारी दी.

कंपनी की तरफ से जारी स्टेटमेंट के मुताबिक ग्रुप के प्रमोटर्स ने ब्लॉक डील के जरिए 15,446 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

आखिर कौन है ये जिसने मुसीबत भरे समय में अदाणी ग्रुप (Adani Group) का साथ दिया है.

कौन हैं राजीव जैन

वो व्यक्ति जिसने अदाणी ग्रुप (Adani Group) को संकट के समय में संजीवनी दी उनका नाम है राजीव जैन.

राजीव जैन का जन्म भारत में हुआ. 1990 में, वे मियामी विश्वविद्यालय (University of Miami) से MBA करने के लिए अमेरिका चले गए.

एक पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में उनका करियर 1994 में शुरू हुआ, जब वे वॉनटोबेल एसेट मैनेजमेंट (Vontobel Asset Management) के साथ जुड़े. उसके बाद धीरे-धीरे उन्हें वॉनटोबेल में 'स्टार मैनेजर' के रूप में जाना जाने लगा.

अपनी मेहनत के बल पर जैन वॉनटोबेल में बतौर चीफ इन्वेस्टमेंट मैनेजर और इक्विटी प्रमुख के पद तक पहुंचे.

2016 में GQG Partners की स्थापना की

साल 2014 और 2016 के बीच उन्होंने कंपनी के Co-CEO के रूप में कार्य किया. ब्लूमबर्ग के मुताबिक जब उन्होंने वॉनटोबेल छोड़ा तब तक इसका इमर्जिंग मार्केट फंड 10 साल में 70% रिटर्न दे चुका था.

2016 में जैन ने GQG पार्टनर्स की स्थापना की. राजीव जैन GQG पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर हैं. वे GQG की निवेश की रणनीति बनाते हैं.

साल 2022 में जब सभी एसेट मैनेजर्स परेशान थे. बाजार औंधे मुंह गिरता जा रहा था लेकिन इस दौरान भी GQG पार्टनर्स ने खूब पैसा बनाया.

GQG पार्टनर्स ने अदाणी एंटरप्राइजेज में 3.39%, अदाणी ट्रांसमिशन में 2.55%, अदाणी पोर्ट्स में 0.04%,और अदाणी ग्रीन एनर्जी में 3.51% हिस्सेदारी खरीदी है.