अदाणी पोर्ट्स ने ग्लोबल OSV ऑपरेटर एस्ट्रो में 80% हिस्सा खरीदा, 18.5 करोड़ डॉलर में हुई डील

एस्ट्रो साल 2009 से शुरू हुई, ये मिडिल ईस्ट, भारत, ईस्ट एशिया और अफ्रीका में एक लीडिंग ग्लोबल OSV ऑपरेटर है.

अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ग्लोबल ऑफशोर सपोर्ट वेसेल (OSV) ऑपरेटर एस्ट्रो में 80% हिस्सेदारी खरीद ली है. अदाणी पोर्ट्स ने ये डील 18.5 करोड़ डॉलर में की है. एस्ट्रो अधिग्रहण 23.5 करोड़ डॉलर की एंटरप्राइज वैल्यू पर हुआ है. कंपनी का कहना है कि इस डील के पहले वर्ष से ही ये वैल्यू बढ़ाने वाला साबित हो सकता है.

इस मौके पर अदाणी पोर्ट्स के MD करण अदाणी ने कहा, 'इस स्ट्रैटेजिक अधिग्रहण से हमारी वैश्विक उपस्थिति मजबूत होगी और इससे मैरीटाइम इंडस्ट्री में भारत की बढ़ती भूमिका का भी पता चलता है. ये APSEZ की दुनिया के सबसे बड़े मरीन ऑपरेटर्स में शामिल होने के रोडमैप का हिस्सा है.'

कंपनी ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि एस्ट्रो साल 2009 से शुरू हुई, ये मिडिल ईस्ट, भारत, ईस्ट एशिया और अफ्रीका में एक लीडिंग ग्लोबल OSV ऑपरेटर है. एस्ट्रो के पास 26 OSV का एक बेड़ा है जिसमें एंकर हैंडलिंग टग्स (AHT), फ्लैट टॉप बार्ज, मल्टीपर्पज सपोर्ट वेसल्स (MPSV) और वर्कबोट शामिल हैं और ये वेसेल मैनेजमेंट और कॉम्प्लीमेंटरी सर्विसेज देता है.

APSEZ के पूर्ण कालिक डायरेक्टर और CEO अश्विनी गुप्ता ने बताया कि एस्ट्रो का अधिग्रहण दुनिया के सबसे बड़े समुद्री ऑपरेटर्स में से एक बनने के हमारे रोडमैप का हिस्सा है. एस्ट्रो हमारे 142 टग और ड्रेजर के मौजूदा बेड़े में 26 OSV जोड़ देगा, जिससे इनकी संख्या 168 पहुंच जाएगी. ये अधिग्रहण हमें अरब की खाड़ी, भारतीय उपमहाद्वीप और पूर्व एशिया में हमें और मजबूत करते हुए टियर-1 ग्राहकों की एक प्रभावशाली सूची तक पहुंच देगा.'

एस्ट्रो के पास कई बड़े ग्राहक हैं, जिसमें NMDC, मैकडरमॉट, COOEC, लार्सन एंड टुब्रो और सैपेम शामिल हैं. एस्ट्रो ऑफशोर फैब्रीकेशन और कंस्ट्रक्शन और ऑफशोर ट्रांसपोर्टेशन मार्केट्स का एक बड़ा खिलाड़ी है.

ऑफशोर प्लेटफार्म्स, तेल और गैस क्षेत्रों और सब-सी फैसिलिटीज को बनाने और उनका रखरखाव करने में एस्ट्रो का गहरा अनुभव हैं. जो कि इसे ऑफशोर एक्सप्लोरेशन और ड्रिलिंग मार्केट्स में ग्राहकों को अत्याधुनिक सेवाएं देने में सक्षम बनाता है.

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