डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग समय बढ़ाने पर ANMI बोर्ड की मंजूरी: सूत्र

ये प्रस्ताव ब्रोकर्स इंडस्ट्रीज स्टैंडर्ड फोरम की तरफ से भेजे जाएंगे, क्योंकि सभी ब्रोकर्स फोरम के बीच असहमति थी,

Source: Reuters

डेरिवेटिव्स के लिए ट्रेडिंग समय बढ़ाने (Trading Hours Extension) को लेकर एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) बोर्ड ने मंजूरी दे दी है.

ANMI के प्रेसिडेंट विजय मेहता ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि डेरिवेटिव्स के ट्रेडिंग घंटों को बढ़ाने के फैसले को बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई है. मेहता ने कहा, 'प्राइस सेटलमेंट से जुड़े कई मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाने की जरूरत है'.

ब्रोकर्स ट्रेडिंग समय बढ़ाने पर राजी, SEBI को प्रस्ताव भेजेंगे

इसका सीधा मतलब ये हुआ है कि ब्रोकर्स के बीच में ट्रेडिंग का समय बढ़ाने को लेकर सहमति बन गई है, जो कि अभी तक नहीं थी. सूत्रों के मुताबिक ब्रोकर्स इंडस्ट्रीज स्टैंडर्ड फोरम (ISF), जिसका गठन मार्केट रेगुलेटर SEBI ने किया था, जिसमें ANMI, CPAI, और BBF शामिल हैं. ये अपने प्रस्ताव मार्केट रेगुलेटर SEBI को भेजेंगे. यहां पर CPAI का मतलब कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और BBF का मतलब BSE ब्रोकर्सस फोरम है.

ये प्रस्ताव ब्रोकर्स इंडस्ट्रीज स्टैंडर्ड फोरम की तरफ से भेजे जाएंगे, क्योंकि सभी ब्रोकर्स फोरम के बीच असहमति थी, जिसकी वजह से SEBI कोई फैसला नहीं ले पा रहा था. इसलिए SEBI ने इस नए फोरम का गठन किया. अब सभी ब्रोकर्स एक प्लेटफॉर्म पर हैं. मेहता ने कहा कि हमारा काम ब्रोकरों से सलाह-मशवरा करना था, ट्रेडिंग घंटों को बढ़ाने का फैसला SEBI को करना है.

पिछले हफ्ते एक इवेंट में SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने भी कहा था कि ब्रोकर्स कम्युनिटी ट्रेडिंग का समय बढ़ाने को लेकर बंटी हुई है. उन्होंने कहा था कि ISF तय समयसीमा के अंदर किसी नतीजे पर पहुंचेगा.

पिछले साल सितंबर में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में शाम के ट्रेडिंग सेशन को शुरू करने के लिए SEBI से मंजूरी मांगी थी. एक्सचेंज ने इंडेक्स फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (Index F&O) ट्रेडिंग को शाम 6 बजे रात 9 बजे के बीच जारी रखने का प्रस्ताव दिया था.

आगे क्या होगा?

एक कॉमन लेटर पर तीनों एसोसिएशन के हस्ताक्षर होने के बाद इसे SEBI के पास भेजा जाएगा. ये प्रस्ताव SEBI की इंटरनल कमिटी के पास जाएगा, जहां ब्रोकर्स के प्रस्ताव पर विचार होगा. इसके बाद इंटरनल कमिटी एक डिस्कशन पेपर जारी करेगी, जिस पर पब्लिक का फीडबैक लिया जाएगा. जब फीडबैक मिल जाएंगे तो ये वापस SEBI बोर्ड के पास जाएगा, वहीं से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी.